कभी भी ध्वस्त हो सकती है शहर की जलापूर्ति व्यवस्था
चतरा : शहर की जलापूर्ति व्यवस्था कभी भी ध्वस्त हो सकती है। यदि आपूर्ति व्यवस्था ठप होती है, तो इसके
चतरा : शहर की जलापूर्ति व्यवस्था कभी भी ध्वस्त हो सकती है। यदि आपूर्ति व्यवस्था ठप होती है, तो इसके लिए सीधे तौर पर बिजली विभाग के अधिकारी जिम्मेवार होंगे। दरअसल बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता ने दबंगई दिखाते हुए जलापूर्ति के फीडर से सीआरपीएफ 190वीं बटालियन का लाइन जोड़ दिया है। जिसके कारण फीडर को पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिल पा रहा है। कम वोल्टेज के कारण फीडर में लगाए सभी छह बेशकीमती मोटर के जलने की आशंका उत्पन्न हो गई है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी प्रति दिन बिजली विभाग के अधिकारियों को सीआरपीएफ का बिजली कनेक्शन फीडर के ट्रांसफार्मर से हटाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन कार्यपालक अभियंता अपनी दबंगई से बाज नहीं आ रहे हैं। जब से बिजली की समस्या उत्पन्न हुई है, तब से शहर के लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। जलापूर्ति में प्रेशर भी नहीं है। ऐसे में टंकी तक पानी नहीं चढ़ रहा है। जलापूर्ति को लेकर लोग काफी परेशान हैं।
कैसे उत्पन्न हुई समस्या
शहरी जलापूर्ति के लिए पीएचडी को एक अलग से फीडर उपलब्ध कराया गया है। जिसके सहारे शहर के तीनों जलमीनार मिलाकर 90 लाख लीटर पानी चढ़ाया जाता है। परंतु उक्त फीडर से सीआरपीएफ कैंप में बिजली ले गयी है। ऐसे में पानी चढ़ाने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले मोटर को भरपूर वोल्टेज अब नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण निर्धारित क्षमता से आधा पानी ही टंकी में पहुंच रहा है। जिसके कारण शहर में पेय जलापूर्ति योजना प्रभावित होकर रह गई है।
कितने वोल्टेज की है आवश्यकता
जलापूर्ति के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को कम से कम चार सौ वाट बिजली की आवश्यकता होती है। परंतु वर्तमान समय में 300 वाट बिजली ही मिल रही है। वो भी स्टेबलाईजर के माध्यम से। कम वोल्टेज के कारण सप्लाई में प्रयुक्त किए जाने वाला मोटर कभी भी जल सकता है। ऐसे में जलापूर्ति व्यवस्था ठप हो जाएगी।
क्या कहते हैं विद्युत विभाग के अधिकारी
सीआरपीएफ को कनेक्शन देने से ऐसी समस्या उत्पन्न नहीं हुई है। बल्कि अभी उपर से ही कम वोल्टेज आ रहा है। यह समस्या का वोल्टेज बढ़ने से हो जाएगा।
राजेश कुमार मित्तल
एसडीओ, विद्युत विभाग, चतरा।
क्या कहते हैं अधिकारी
फीडर लाइन से सीआरपीएफ को कनेक्शन देने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। इस बाबत विद्युत विभाग के को पत्र लिखकर सीआरपीएफ को दिए कनेक्शन को काटने को कहा गया है। अगर ऐसा होता है तो जलापूर्ति व्यवस्था सुधर जाएगी।
मिथलेश कुमार सिंह
कार्यपालक पदाधिकारी, पीएचडी, चतरा।