ग्रामीण बैंक से 2.25 लाख की फर्जी निकासी
हंटरगंज(चतरा): झारखंड ग्रामीण बैंक की पांडेयपुरा शाखा में पांच केसीसी लाभुकों के खाते से 2.25 लाख रु
हंटरगंज(चतरा): झारखंड ग्रामीण बैंक की पांडेयपुरा शाखा में पांच केसीसी लाभुकों के खाते से 2.25 लाख रुपए के फर्जी निकासी का मामला प्रकाश में आया है। एक ही परिवार के चार केसीसी लाभुकों के खातों से 1.68 लाख और एक अन्य महिला के खाता से 57 हजार रुपए की फर्जी निकासी हुई है। फर्जीवाड़ा को अंजाम देने का आरोप अल्ट्रा स्मार्ट ब्रांच के कोआर्डिनेटर चंदेश्वर कुमार पर लगाया जा रहा है। इसमें शाखा प्रबंधक की भी मिलीभगत होने का आरोप है। कोआर्डिनेटर चंदेश्वर कुमार प्रखंड के डटमी गांव निवासी छठन दास का पुत्र एवं राष्ट्रीय ताईक्वांडों का रेफरी है। भुक्त भोगियों ने उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, क्षेत्रीय प्रबंधक ग्रामीण बैंक एवं स्थानीय प्रशासन पुलिस को आवेदन देकर इस फर्जीवाड़े की जांच एवं कार्रवाई की गुहार लगाई है।
क्या है मामला
वित्तीय वर्ष 2014-15 में प्रखंड के बलुरी गांव के एक ही परिवार के चार सदस्यों क्रमश: मो. तौहीद की पत्नी मुस्तरी खातुन को 86 हजार, मो. तैयब के तीन पुत्र मो. तौहीद को 87 हजार, मो. ताहिर को 87 हजार, मो. सद्दाम हुसैन को 87 हजार केसीसी लोन की स्वीकृति मिली थी। इसके अलावा बलुरी गांव के ही सुरेंद्र दास की पत्नी दुलारी देवी को भी 87 हजार रुपए लोन मिला था। सभी का पासबुक ब्रांच कोआर्डिनेटर चंदेश्वर कुमार अपने पास रखे हुए था। उनके निकासी पर्ची पर हस्ताक्षर बनवाकर मैनेजर की मिली भगत से दो किस्त का भुगतान किया। जिसमें मुस्तरी खातुन को 28 हजार, मो. तौहीद को 25 हजार, मो. ताहीद को 30 हजार एवं सद्दाम को बीस हजार रुपए मिले। यहां तक कि चंदेश्वर कुमार ने दिए गए इस रकम से लोन स्वीकृति का दस प्रतिशत कमीशन भी काट लिया। इसके बाद भी शेष राशि फर्जी तरीके से निकाल ली गई।
कैसे हुआ खुलासा
शाखा समन्वयक चंदेश्वर कुमार उपरोक्त लाभुकों का पासबुक नहीं दे रहा था। उलटा डांट-फटकार लगाकर भगा देता था। मामला तुल पकड़ने व चौतरफा दबाव के बाद शाखा समन्वयक चंदेश्वर कुमार ने इन सभी को पासबुक दिया। सभी खाताधारी प्राप्त रकम से दुगना निकासी को देख हैरत में पड़ गए। मुस्तरी खातुन के खाते से 36 हजार, मो. ताहिर के खाते से 26 हजार, मो. तौहीद आलम के खाते से 26 हजार एवं सद्दाम के खाते से 35 हजार की फर्जी निकासी की गई थी। सभी खातों से निकासी 11 दिसंबर 2014 से दस फरवरी 2015 के बीच की गई। इस बाबत पूछे जाने पर चंदेश्वर ने कुछ भी बताने से इंकार किया।