मुकुट चढ़ाने को ले भक्तों को करना पड़ता है इंतजार
मयूरहंड : प्रखंड मुख्यालय स्थित देवी मंडप में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा पर मुकुट चढ़ाने के लिए
मयूरहंड : प्रखंड मुख्यालय स्थित देवी मंडप में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा पर मुकुट चढ़ाने के लिए भक्तों को सालो-साल बारी आने का इंतजार करना पड़ता है। यह परंपरा पिछले छह दशक से चला आ रहा है। इसकी शुरुआत 1952 में तत्कालीन मुखिया बद्री नारायण प्रसाद ने की थी। उस समय माता का दरबार एक झोपड़ी में सजता था। परंतु आज भव्य मंदिर में माता की प्रतिमा स्थापित की जाती। गत वर्ष मुखिया अनिल सिंह के द्वारा माता को मुकुट चढ़ाया गया था। अनिल सिंह 2003 में मुकुट चढ़ाने के लिए नंबर लगाया था। इस बार गांव के नागो साव (अब स्वर्गीय) को मुकुट चढ़ाने का अवसर मिला है। नागो साव 1999 में माता की मुकुट चढ़ाने की बोली लगाई थी। जिसमें उसे 2014 में बारी मिली थी। लेकिन अब नागो साव इस दुनिया में नहीं रहे। ऐसे में उनके पुत्र जीवलाल साव मुकुट चढ़ाएंगे। माता को मुकुट चढ़ाने के लिए दूर-दूर के भक्त नंबर लगा कर रखे हुए है और अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
क्या कहते हैं अध्यक्ष
समिति के अध्यक्ष रामभरोस सिंह ने बताया कि माता पर मुकुट चढ़ाने को लेकर वर्ष 2035 तक का नंबर लगा हुआ है। माता के अनोखे मुकुट व श्रृंगार को देखने आसपास के गांवों के साथ-साथ अन्य प्रखंडों व जिला के भक्त भी आते हैं। यहां की अनोखी परंपरा पूरे जिले में विख्यात है।
रामभरोस सिंह, अध्यक्ष।