चुट्टे में आठ साल में नहीं बना पंचायत सचिवालय
गोमिया (बेरमो) : नक्सल प्रभावित गोमिया प्रखंड के झुमरा पहाड़ की तलहटी स्थित चुट्टे पंचायत में पिछले आ
गोमिया (बेरमो) : नक्सल प्रभावित गोमिया प्रखंड के झुमरा पहाड़ की तलहटी स्थित चुट्टे पंचायत में पिछले आठ वर्षों से पंचायत सचिवालय का निर्माण नहीं हो पाया है। यहां के प्रतिनिधि पंचायत संबंधी बैठक व आमसभा किसी स्कूल के बरामदे में या फिर पेड़ की छांव में करने को विवश हैं। पंचायत समिति सदस्य राजू प्रसाद का कहना है कि झुमरा एक्शन प्लान के तहत विकास की गति तेज करने की प्रशासनिक घोषणा का असर यहां नहीं दिख रहा है। योजनाओं को धरातल पर उतारने का संकल्प भी फिसड्डी साबित हो रहा है। पंचायत चुनाव के बाद गांवों में विकास की आस जगी थी। सड़क, यातायात, पेयजल, ¨सचाई, स्वरोजगार, स्वास्थ्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित अन्य सरकारी कार्यक्रमों की गति धीमी रहने से लोगों में आक्रोश है। पंचायत सचिवालय का निर्माण खटाई में पड़ना, विभाग उदासीनता का द्योतक है।
पंसस प्रसाद सहित वार्ड सदस्य बेनी महतो, तिलकधारी महतो, आजसू नेता नारायण महतो, गणेश महतो, दीपक सिन्हा, जीतन तूरी, चंद्रदेव महतो, प्रकाश करमाली, गजेंद्र ¨सह, जगरनाथ महतो, शनिचर महतो, विमला देवी, चंपा देवी, शीला देवी, यशोदा देवी, उमा देवी आदि ने बताया कि चुट्टे पंचायत के खरना गांव स्थित ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत निर्मित जलमीनार पिछले एक वर्ष से बंद है। कई बार प्रशासन को जलसमस्या से अवगत कराया गया। पीएचईडी के अधिकारी इस दिशा में पंचायत प्रतिनिधियों की आवाज को अनसुनी कर रहे हैं। 13 जुलाई 2016 को चुट्टे में आयोजित उपायुक्त के जनता दरबार में सामाजिक पेंशन के लिए 250 लाभुकों का चयन किया गया। लेकिन अब तक किसी लाभुकों को पेंशन नहीं दी गई। जनता दरबार में उपायुक्त ने निर्माणाधीन पंचायत सचिवालय को दो माह में पूर्ण कराने का भरोसा ग्रामीणों को दिया था। घोषणा के सात माह बीते जाने के बाद भी सचिवालय निर्माण पूरा नहीं हो पाया।
वर्जन
चुट्टे पंचायत सचिवालय का निर्माण जिलास्तरीय कार्य प्रमंडल एजेंसी के माध्यम से हो रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है। इस मुद्दे को पंचायत प्रतिनिधियों ने कई बार समीक्षा बैठक में उठाया है। बैठक की कार्यवाही में इसे शामिल करते हुए वस्तु स्थिति की रिपोर्ट भी गई है। प्रखंड स्तर से इस दिशा में पहल की जा रही है।
- सुधीर प्रकाश, बीडीओ, गोमिया।