आंगनबाड़ी केंद्रों की अनियमितता का मुद्दा छाया
सहयोगी, फुसरो (बेरमो) : बेरमो प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित बहुद्देश्यीय भवन में सोमवार को आयोजित बीस
सहयोगी, फुसरो (बेरमो) : बेरमो प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित बहुद्देश्यीय भवन में सोमवार को आयोजित बीस सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों की अनियमितता का मुद्दा छाया रहा। समिति के बेरमो प्रखंड अध्यक्ष कपिलदेव गांधी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में काफी अनियमितता बरती जा रही है। बच्चों को ककहरा सिखाने व पौष्टिक आहार देने के उद्देश्य से यहां के आंगनबाड़ी केंद्र भटक गए हैं। विधायक प्रतिनिधि नवीन कुमार पांडेय ने कहा कि अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र समय पर नहीं खुलते। केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति कम रहने के बावजूद उनकी संख्या बढ़ाकर रजिस्टर में दिखाई जाती है। केंद्र में बच्चों को पोषाहार देने में अनियमितता बरती जाती है। समय-समय पर निरीक्षण नहीं होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बदहाल है। केंद्र संचालन की समयावधि में सेविका को अक्सर सीडीपीओ कार्यालय में देखा जाता है। ऐसी स्थिति में केंद्र का सही तौर पर संचालन कैसे हो पाएगा। जवाब में सीडीपीओ अर्चना ¨सह ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार कार्य किया जा रहा है। समय-समय पर केंद्रों का निरीक्षण भी किया जाता है।
बीस सूत्री समिति के प्रखंड उपाध्यक्ष मदन गुप्ता ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना लक्ष्मी लाडली एवं दिव्यांगता पेंशन का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ सभी को मिले, इसके लिए मिलजुल कर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र के रिजेक्ट कोल के उठाव में बरती जा रही अनियमितता पर रोक लगाने की मांग की। कहा कि रिजेक्ट कोल उठाव करने के क्रम में वृक्षों को काटा जा रहा। इसपर रोक लगनी चाहिए। सीओ सुमंत तिर्की ने कहा कि रिजेक्ट कोल उठाव की जांच की गई है। उसकी रिपोर्ट विभागीय अधिकारियों को दी गई है। अन्य सदस्यों ने पावर प्लांट की छाई व कोयले के चूर्ण से उत्पन्न प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की। मौके पर नगर परिषद फुसरो के कार्यपालक पदाधिकारी रमेंद्र कुमार, बीस सूत्री समिति के सदस्य अभिमन्यु कुमार सिन्हा, अजय शर्मा, बीटीएम स्वतंत्र प्रकाश गौतम, सीसीएल अधिकारी शैलेश कुमार, मलेरिया नियंत्रक प्रतूल कुमार महतो, पंचायत सचिव लक्ष्मण यादव, केशव यादव, भरत किशोर महतो, बुधन मुर्मू आदि मौजूद थे।