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पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर ठगी करने वाले एनजीओ का भंडाफोड़

बोकारो : बच्चों को ट्यूशन के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गैर सरकारी संगठन उत्पल सेवा समिति के कार

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 01:06 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 01:06 AM (IST)
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर ठगी करने वाले एनजीओ का भंडाफोड़

बोकारो : बच्चों को ट्यूशन के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गैर सरकारी संगठन उत्पल सेवा समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा निजी स्कूलों की शिक्षिका व गरीब बच्चों से पैसा वसूली का मामला प्रकाश में आया है। एनजीओ के सदस्यों द्वारा बालीडीह में की जा रही अवैध वसूली का भंडाफोड़ होने के बाद झामुमो नेता मंटू यादव व नरकेरा मुखिया सोनामुनी मुर्मू के दबाव में मांझीटोला व टांड़ बालीडीह की चार शिक्षिकाओं से लिया गया पैसा वापस किया गया। बताया जा रहा है कि एनजीओ स्थानीय युवाओं के माध्यम से पूरे जिले में इस तरह के गोरखधंधे का संचालन कर रही है।

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बीते दिनों इस संस्था के सदस्यों की छत्तीसगढ़ में गिरफ्तारी की खबर जब दैनिक जागरण ने छापा था। पैसा देने वाली शिक्षिकाएं सीधे झामुमो नेता के पास पहुंची। इसके बाद दोपहर में जैसे ही इस संस्था का प्रतिनिधि नरकेरा पंचायत के मांझी टोला पहुंचे। पहले से तैयार मुखिया ने संस्था के प्रतिनिधि की उपस्थिति में सीधे जिला शिक्षा अधीक्षक व जिला शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क किया। दोनों अधिकारियों ने इस प्रकार के कार्यक्रम के संचालन से इंकार किया। इसके बाद गांव वालों के साथ संस्था के प्रतिनिधि को बैठाए रखा गया। हालांकि प्रतिनिधि स्थानीय खुंटरी गांव का था, इसलिए पैसा वापस करने की शर्त पर छोड़ दिया गया।

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क्या है पूरा मामला : पं. दीनदयाल उपाध्याय शिक्षा कार्यक्रम के नाम पर उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर में पंजीकृत एनजीओ उत्पल सेवा संस्थान देश के पांच राज्यों में बच्चों को ट्यूशन देने की योजना संचालित कर रही है। संस्था के सदस्य बताते हैं कि संस्था छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, झारखंड एवं राजस्थान में कार्यक्रम का संचालन कर रही है। संस्था को भारत सरकार से वित्त प्रदान किया जा रहा है। संस्था द्वारा 6 से 16 वर्ष के विद्यार्थी जो कि पढ़ाई में कमजोर हैं उन्हें शिक्षित करने के लिए शिक्षकों की भर्ती की जा रही थी। कार्यक्रम के तहत कक्षा पहली से कक्षा 10वीं तक बच्चों से ट्यूशन देने के नाम पर प्रत्येक से 52 एव 56 रुपये की राशि लेकर उसे तीन माह बाद लौटाने की बात कही गई है। प्रत्येक जिले में अधिकतम 1500 शिक्षकों की नियुक्ति ढाई से तीन हजार रुपये प्रतिमाह के वेतन पर किये जाने की बात बताकर राशि की वसूली हो रही थी।

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वर्जन : इस प्रकार का कोई कार्यक्रम का संचालन जिले में शिक्षा विभाग या सरकार के माध्यम से नहीं किया जा रहा है। यदि किसी संस्था द्वारा इस नाम पर पैसे की वसूली की जा रही है तो स्थानीय जनता से आग्रह है कि तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस व जनप्रतिनिधियों को दें।

महिप कुमार ¨सह, जिला शिक्षा पदाधिकारी, बोकारो।


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