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झुमरा एक्शन प्लान पर नक्सली नजर

विधु विनोद, बेरमो : ----------------------------------------बेरमो अनुमंडल के नावाडीह प्रखंड के ऊप

By Edited By: Published: Fri, 28 Oct 2016 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 28 Oct 2016 01:01 AM (IST)
झुमरा एक्शन प्लान पर नक्सली नजर

विधु विनोद, बेरमो :

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----------------------------------------बेरमो अनुमंडल के नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट से लेकर गोमिया प्रखंड के झुमरा पहाड़ तक नक्सलियों ने फिर से अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। यहां छोटे छोटे सशस्त्र दस्ते जो कालांतर में शांत थे, अचानक विध्वंसक हो उठे हैं। पिछले एक माह के दौरान उनकी सक्रियता में अचानक तेजी आई है। रेल पटरियों को विस्फोट कर उड़ाने के अलावा रेल इंजन का आग लगाने और सड़क निर्माण के संवेदक के मुंशी को बांध कर पीटने सहित रोलर जलाने की घटना के बाद सीआरपीएफ और राज्य पुलिस की ¨चता बढ़ गयी है। जानकारों की मानें तो झुमरा एक्शन प्लान में खर्च हो रही बड़ी धनराशि पर नक्सलियों की नजर टिकी हुई है। गोमिया प्रखंड की उग्रवाद प्रभावित 16 पंचायतों में पुलिस पिकेट, थाना, कैंप, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, ¨सचाई, स्वरोजगार, आधारभूत संरचना सहित अन्य विकास योजनाओं में लगभग पांच अरब रुपये सरकार खर्च कर रही है। इनमें से कुछ योजनाएं पूर्ण हो चुकी है, वहीं अधिकांश योजनाओं में निर्माण कार्य जारी है।

तीन वर्ष पूर्व सरकार ने झुमरा एक्शन प्लान के तहत विभिन्न विभागों की योजनाओं को केंद्रीयकृत कर वहां कोई पांच अरब रुपये की लागत से आधारभूत संरचनाओं का निर्माण शुरू कराया है। इसके तहत दनिया, जगेश्वर विहार, चतरोचट्टी में थाना भवन का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया वहीं रहावन, स्वांग और झुमरा पहाड़ में सीआरपीएफ कैंप की स्थापना की गई। इसके अलावा स्कूल भवन, अस्पताल और सड़क निर्माण की कई योजनाएं वर्तमान में जारी है। नक्सलियों की ओर से कार्य एजेंसियों को लगातार अल्टीमेटम देकर लेवी की मांग की जाती रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक झुमरा में नक्सली कमांडर संतोष महतो का दस्ता लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर कार्य एजेंसियों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालने की कोशिश में लगा हुआ है। चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के चौक-चौराहे तक अब नक्सली खुलेआम चहल कदमी करते देखे जा रहे हैं। कपसा, कोयोटांड़, दनिया, असनापानी एवं हॉल-वे में नक्सली दस्ता की मौजूदगी देखी जा रही है। विशेष शाखा ने अभी हाल ही में गृह विभाग को झुमरा के इलाके में चार-पांच की संख्या में नक्सलियों का दस्ता के लगातार विचरण की सूचना देकर सरकार को आगाह किया है। रिपोर्ट म ं नक्सली कमांडर संतोष महतो के साथ-साथ उसकी पत्नी शांति के दस्ता का नेतृत्व करने की सूचना भी शामिल है। गोमिया के अलावा नावाडीह के उपरघाट स्थित कड़रुखुट्टा, बोरोनाला, डेगागढ़ा आदि सुदूर गांवों में नक्सलियों का मारक दस्ता भी रणनीति बनाने में सक्रिय है।

कोयोटांड़ में सीआरपीएफ बढ़ा रही दबिश :

विशेष शाखा की रिपोर्ट के अनुसार नक्सली कमांडर संतोष महतो गत माह से घिरा हुआ है। नक्सली कमांडर संतोष बीमार है, और उसे पैर में फाईलेरिया का संक्रमण है। वह डायबिटीज से भी ग्रसित है। संतोष चलने फिरने से भी असमर्थ है और उसे बेहतर इलाज की जरुरत है। उसे सुरक्षित निकालने के लिए नक्सली संगठन लगातार अपनी रणनीति बदल रहा है। वहीं सीआरपीएफ ने कोयोटांड़ में संतोष को घेरने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रही है लेकिन सीआरपीएफ को संतोष के लोकेशन की पूरी जानकारी नहीं है। इधर पुलिस का ध्यान बंटाने के लिए नक्सली संगठन अलग-अलग स्थानों में विध्वंसक कार्रवाई को अंजाम देकर संतोष को इलाज के लिए बाहर निकालने की फिराक में है। वहीं इलाज में खर्च होने वाली धनराशि की वसूली को लेकर भी नक्सलियों में बेचैनी है।

झुमरा की विकास योजनाओं में लेवी के रूप में मोटी धनराशि वसूलने की तैयारी :

उपरघाट से झुमरा तक वर्तमान में विकास की कई योजनाएं संचालित है। इसमें करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार झुमरा एक्शन प्लान में लगभग पांच अरब रुपये खर्च होने हैं। इसमें करोड़ों रुपये की योजनाएं पूर्ण भी हो चुकी है, वहीं सड़क निर्माण सहित आधारभूत संरचना के कई कार्य वर्तमान में करवाए जा रहे हैं। नक्सली संगठन कार्य एजेंसी से लगागार किस्त दर किस्त लेवी वसूल रहा है। गोमिया के बेंदी से तीसकोपी तक सड़क निर्माण कार्य में बकाया लेवी नहीं मिलने से नक्सलियों ने अभी हाल ही में साइट मुंशी को बांध कर पीटने के अलावा रोलर मशीन को जला डाला था। इसके पूर्व भी 2014 में उपरोक्त संवेदक की जेसीबी मशीन को नक्सलियों ने जलाया था।

झुमरा एक्शन प्लान के तहत वहां की कुल 16 पंचायतों में विकास योजनाएं चल रही है। इसमें झुमरा से तिसकोपी तक साढ़े आठ करोड़ रुपये की लागत से बन रही सड़क के अलावा कपसा स्थान से दनिया तक पांच करोड़ की लागत से रोड निर्माण, नावाडीह क्षेत्र के पोरदाग से पुरनापानी तक साढ़े तीन करोड़ की लागत वाली सड़क, पचमो से सरैयापानी तक ढ़ाई करोड़, खखंडा से रोला तक साढ़े तीन करोड़, दूधमो से चिलैयाटांड़ तक चार करोड़, पेजवा से कर्री तक चार करोड़ की लागत से सड़क निर्माण की योजना ली गई है। इसके अलावा जारंगडीह से चैनपुर तक रेलवे लाईन के दोहरीकरण जो अरबों रुपये की लागत से बनाया जा रहा है, जिसमें लेवी वसूली को लेकर नक्सली संगठन सक्रिय है।

धनबाद रेल मंडल के सीआईसी सेक्शन अंतर्गत गोमो-बरकाकाना रेल खंड पर दनिया-जगेश्वर विहार, डुमरी विहार-दनिया रेलवे स्टेशन के बीच नक्सलियों ने विस्फोट कर रेलवे ट्रैक को एक माह के अंदर तीन बार उड़ा दिया। ये घटनाएं पुलिस और खुफिया तंत्र की नाकामी के रूप में देखी जा रही है। राज्य सरकार ने चतरोचट्टी, जगेश्वर विहार, पेंक-नारायणपुर थाना एवं रहावन आउट पोस्ट थाना का निर्माण करा कर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने की कोशिश की है, लेकिन पुलिस इन क्षेत्रों में आम पब्लिक से नक्सलियों की सूचना एकत्रित करने में अब तक उतनी सफल नहीं हो पाई है, जितना अपेक्षा किया जा रहा था। ----------------------------------------झुमरा में अब आम जनजीवन में नक्सली घुसपैठ नहीं रह गयी है। उनकी ताकत भी पूर्व की तुलना में घटी है। अब छोटे-छोटे समूहों में बंट कर विध्वसंक कार्रवाई को अंजाम देने में वे जुटे हुए हैं। पुलिस और सीआरपीएफ की ओर से लगातार झुमरा सहित यहां की सभी 16 पंचायतों में ग्रामीणों से मैत्री बढ़ाकर नक्सलरोधी ऑपरेशन को आगे बढ़ाया जा रहा है। सीआरपीएफ के प्रयास से यहां 14 किमी लंबी सड़क बन गयी है। कार्य एजेंसियों से लेवी वसूलने की सूचना मिलती रहती है लेकिन सुरक्षा बलों की सक्रियता से नक्सलियों की दाल नहीं गल रही है। सबसे अहम बात यह है कि अब उनकी संख्या आधी से भी कम हो गयी है। - जस¨वदर ¨सह, डिप्टी कमांडेंट, सीआरपीएफ, झुमरा कैंप।


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