खेल से बदल रही इस्पात नगर की फिजा
बोकारो : भारत को रियो ओलंपिक में दो पदक से संतोष करना पड़ा। 121 करोड़ की जनसंख्या वाले देश को एक भी स्
बोकारो : भारत को रियो ओलंपिक में दो पदक से संतोष करना पड़ा। 121 करोड़ की जनसंख्या वाले देश को एक भी स्वर्ण पदक नहीं मिला। इससे हमारे देश में खेल की स्थिति और माहौल का पता चलता है। संतोषजनक बात यह है कि बोकारो में खेल के विकास को लेकर निरंतर सकारात्मक काम किया जा रहा है।
बीएसएल और कुछ स्थापित खिलाड़ियों की ओर से स्कूली स्तर पर खेलकूद का बेहतर माहौल तैयार करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया गया है। बोकारो में खेल अकादमी और चंदनकियारी में तीरंदाजी डे बोर्डिग सेंटर खोलने से फिजा बदल रही है। यहां खिलाड़ियों की नई पौध तैयार की जा रही है। आनेवाले दिन में जिले के खिलाड़ी राज्य एवं राष्ट्र का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाएंगे।
चिन्मय विद्यालय में खुली फुटबॉल अकादमी : फुटबॉल खिलाड़ी अजय ¨सह की पहल पर चिन्मय विद्यालय प्रबंधन के सहयोग से फुटबॉल अकादमी खोली गई। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील क्षेत्री ने अकादमी का उद्घाटन किया था। चिन्मय विद्यालय के मैदान में स्कूली बच्चों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पश्चिम बंगाल के मोहम्मडन स्पोर्टिग क्लब, मोहन बगान, ईस्ट बंगाल के अलावा मुंबई और गोवा की टीम के साथ समझौता किया जा रहा है। अकादमी के खिलाड़ी देश के प्रख्यात फुटबॉल क्लब की टीम के विरुद्ध मैच खेलेंगे। साथ ही वहां के प्रशिक्षक अकादमी के कैडेट्स को समय-समय पर प्रशिक्षण देंगे। यहां के खिलाड़ी अन्य राज्यों में होने वाली प्रतियोगिताओं में भी भाग लेंगे।
डीपीएस में चल रही क्रिकेट अकादमी : दिल्ली पब्लिक स्कूल की निदेशक सह प्राचार्य डॉ. हेमलता एस मोहन की पहल पर डीपीएस में क्रिकेट अकादमी खोली गई। टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र ¨सह धौनी ने यहां आकर बच्चों को खेल की महत्ता के बारे में बताया था। यहां खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। धौनी भी समय-समय पर अकादमी के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देंगे।
बीएसएल भी प्रयासरत : बीएसएल क्रीड़ा एवं नागरिक सुविधाएं विभाग ने भारतीय फुटबॉल फेडरेशन के निर्देश पर यहां ग्रासरूट योजना को धरातल पर उतारा। इसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को चयनित किया गया। उन विद्यार्थियों को सुविधा एवं संसाधन मुहैया कराया गया है। उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बीएसएल की ओर से यहां सेल फुटबॉल अकादमी का भी संचालन किया जा रहा है। सेल फुटबॉल अकादमी के कई कैडेट्स ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है।
चंदनकियारी में साध रहे निशाना : सूबे के मंत्री अमर कुमार बाउरी के प्रयास से चंदनकियारी में तीरंदाजी का डे बोर्डिग प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है। यहां तीरंदाजों को जरूरत के मुताबिक सुविधा एवं संसाधन मुहैया कराया गया है। साथ ही उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सेक्टर चार में तीरंदाज एंजेला ¨सह भी तीरंदाजी एकेडमी चला रही हैं। यहां के तीरंदाज राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार की ओर से विस्थापित कॉलेज परिसर में स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। वहां भी डे बोर्डिग सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव है। बोकारो जिला क्रिकेट संघ की ओर से ट्रेनीज हॉस्टल में अकादमी की स्थापना की गई है जहां बच्चों को क्रिकेट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
वालीबॉल डे बोर्डिग सेंटर पर संकट : राज्य सरकार के क्रीड़ा विभाग की ओर से बोकारो में वालीबॉल, बास्केटबॉल एवं ताइक्वांडो डे बोर्डिग सेंटर की स्थापना की गई थी। चिन्मय विद्यालय एवं संत जेवियर्स स्कूल में बास्केटबॉल, डीएवी सेक्टर चार में ताइक्वांडो जबकि कलाकेंद्र दो परिसर में वालीबॉल डे बोर्डिग सेंटर चलाया जाता था। अब यह बंद हो गया है। इसका फिर से संचालन जरूरी है। सरकारी स्तर से यहां खेलकूद के क्षेत्र में बेहतर सुविधा एवं संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया। खिलाड़ी बीएसएल की ओर से उपलब्ध सुविधा एवं संसाधन का उपयोग करते हैं।
हांफ रही हॉकी : बोकारो में हॉकी का हाल भी ठीक नहीं। बीएसएल की ओर से सेक्टर छह में हॉकी स्टेडियम बनाया गया था, लेकिन वह खिलाड़ियों के काम का नहीं रह गया। मैदान में झाड़ियां उगी हैं। यहां सुविधा एवं संसाधन का घोर अभाव है। यहां सरकारी स्तर पर हॉकी को बढ़ावा देने के लिए अभी तक ठोस कदम नहीं उठाया गया।
खेल नीति को किया जाए स्पष्ट
- झारखंड में खेल नीति स्पष्ट नहीं है। इसलिए मैदान में वर्षो पसीना बहानेवाले खिलाड़ी सरकारी सुविधा से वंचित हैं। इसलिए खेल नीति स्पष्ट होनी चाहिए। खिलाड़ियों को योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। बोकारो में अकादमी खुलने से खिलाड़ियों को काफी लाभ होगा। खेल का बेहतर वातावरण तैयार होगा। सिर्फ खेल दिवस मनाने से नहीं होगा। हॉकी सहित अन्य खेलों का विकास जरूरी है।
- संजीव कुमार, प्रशिक्षक, वालीबॉल
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नियोजन में मिले आरक्षण का लाभ
- खिलाड़ियों को नियोजन में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। सरकार को खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार राशि का भी निर्धारण करना चाहिए। उनके लिए बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार को बोकारो में कबड्डी डे बोर्डिग सेंटर खोलना चाहिए। खेल अकादमी खुलने से राज्य एवं देश को बेहतर खिलाड़ी मिलेंगे।
- अजय ¨सह, पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी सह प्रशिक्षक