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वन विभाग की जमीन पर इलेक्ट्रोस्टील

बोकारो : जब सरकार की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सरकारी जमीन की खोज खबर लेनी शुरू की तो वन विभाग को

By Edited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 01:03 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jul 2016 01:03 AM (IST)
वन विभाग की जमीन पर इलेक्ट्रोस्टील

बोकारो : जब सरकार की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सरकारी जमीन की खोज खबर लेनी शुरू की तो वन विभाग को भी अपनी जमीन की याद आ गई। जिला वन पदाधिकारी पीआर नायडू ने अपर समाहर्ता कार्यालय को चास और चंदनकियारी अंचल की जमीन का ब्योरा सौंपा है। उनके मुताबिक इलेक्ट्रोस्टील ने वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर अपने संयंत्र का निर्माण करा लिया। कंपनी के विरुद्ध अतिक्रमणवाद चलना चाहिए।

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वन विभाग की ओर से दिए गए ब्योरा में मौजा भागाबांध की ज्यादातर जमीन को कंपनी के निदेशक आरएस ¨सह के नाम से दिखाया गया है। यही नहीं, उमंग केजरीवाल एवं आरएस ¨सह को इलेक्ट्रोस्टील इंटीग्रेटेड लिमिटेड का प्रतिनिधि भी बताया गया है। वर्तमान में कंपनी का नाम इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड है और आरएस ¨सह इसके निदेशक मात्र हैं।

कहां कितनी जमीन पर इलेक्ट्रोस्टील का कब्जा : वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार भागाबांध मौजा की 1120, 1321, 1159, 1102, 1389, 1105, 882, 1433 सहित अन्य प्लॉट की करीब 200 एकड़ भूमि पर इलेक्ट्रोस्टील के निदेशक आरएस ¨सह एवं प्रबंध निदेशक उमंग केजरीवाल का कब्जा बताया गया है। इसके अलावा पिण्ड्राजोरा सहित कुछ अन्य स्थानों पर भी जमीन ली गई है जिन पर छोटे-छोटे बिल्डर आदि का कब्जा है।

सहारा इंडिया की जमीन पर वन विभाग के दावे की होगी जांच : चास अंचल के फुदनीडीह और नावाडीह मौजा स्थित सहारा इंडिया की जमीन पर वन विभाग के दावे की जांच होगी। इसके लिए अंचल कार्यालय की ओर से सूचना एकत्र की जा रही है। हलांकि, जिन रैयतों ने जमीन बेची है उनका दावा है कि जमीन रैयती है। वन विभाग के अधिकारी भी स्पष्ट नहीं बोल रहे हैं कि यह जमीन उनकी ही है।

सोमवार को जिला वन पदाधिकारी पीआर नायडू ने बताया कि जमीन का किस्म जंगल-झाड़ी है। इसलिए यह मामला अपर समाहर्ता को जांच के लिए दिया गया। चूंकि जमीन की नीलामी होने की सूचना मिली है, इसलिए जांच आवश्यक है। स्थानीय रैयतों का कहना है कि जमीन की घेराबंदी से लेकर अब तक कभी भी वन विभाग ने इस जमीन पर अपना दावा नहीं किया है। यहां फुदनीडीह और नावाडीह के रैयतों की पुश्तैनी जमीन है जिसका पूरा कागजात उनके पास है।

''वन विभाग की ओर से दी गई सूची का अध्ययन कर कंपनी आगे की कार्रवाई करेगी। जिसे वन विभाग अपनी जमीन बता रहा है, उस पर न्यायालय में मामला चल रहा है। जमीन इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स के नाम से है। किसी व्यक्ति विशेष को नामित करना गलत है।

- रोहित ¨सह, प्रमुख संचार, इलेक्ट्रोस्टील


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