बोकारो में 23 हजार एकड़ सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा
बोकारो : सूबे में सरकारी जमीन हड़पने का सिलसिला आज भी जारी है। देवघर और रांची में सरकारी जमीन में हेर
बोकारो : सूबे में सरकारी जमीन हड़पने का सिलसिला आज भी जारी है। देवघर और रांची में सरकारी जमीन में हेरफेर का मामला उजागर होने के बाद राज्य सरकार का ध्यान इस ओर गया। इसी बीच पता चला कि रकबा के हिसाब से सर्वाधिक सरकारी जमीन का घोटाला बोकारो में हुआ। राज्य की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के निर्देश पर जब गलत जमाबंदी का हिसाब देखा गया तो पंद्रह दिन में जिले के सभी अंचल अधिकारियों ने मिलकर ऐसी करीब 23 हजार एकड़ जमीन खोज निकाली जिसे 6700 लोगों ने गलत कागजात के माध्यम से अपने नाम करा लिया है। अब इस मामले में गहन जांच की जा रही है।
यदि कथित तौर जमीन के मालिक संबंधित कागजात नहीं दिखाते हैं तो उनकी जमाबंदी रद कर उनसे सरकार जमीन वापस लेगी। इसके लिए तमाम लोगों को नोटिस जारी की गई है। संबंधित अंचलाधिकारी कार्रवाई कर जमाबंदी रद करने का प्रस्ताव अपर समाहर्ता के माध्यम से उपायुक्त एवं आयुक्त को भेजेंगे।
चंदनकियारी, जरीडीह व बेरमो में सबसे अधिक हुई गलत जमाबंदी : सरकार को भेजी गई जिले की रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे अधिक गलत जमाबंदी चंदनकियारी, जरीडीह एवं बेरमो में हुई। चंदनकियारी में करीब एक हजार लोगों ने सरकार की 5750 एकड़ भूमि, जरीडीह में 1500 लोगों ने 5100 एकड़ भूमि एवं बेरमो में 1600 लोगों ने 4050 एकड़ सरकारी भूमि की अवैध जमाबंदी अपने नाम कराकर कई सौ एकड़ जमीन दूसरों को भी बेच दी।
कारपोरेट घरानों के बीच चर्चित रहा जरीडीह : जिले के जरीडीह अंचल में जमीन की गड़बड़ी में कारपोरेट घराने जैसे एस्सार पावर, नीलांचल इस्पात एवं आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनियों के नाम भी आते रहे हैं। यहां के जमीन दलालों ने इन कंपनियों को सरकारी जमीन बेच दी और और रुपये लेकर गायब हो गए। इसके अलावा प्रखंड, स्कूल और वन विभाग की जमीन को भी हड़प लिया गया। बेरमो में सरकारी जमीन की रसीद कटाकर सीसीएल में नौकरी और मुआवजा लेने का धंधा चर्चे में रहा है। यदि जांच हुई तो यहां पदस्थापित रहे कई अंचल अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
कहां कितनी जमीन का वारा-न्यारा
प्रखंड -अवैध जमाबंदीधारी -कुल रकबा
चास ---780 ---1495
चंदनकियारी ---1019 ---5750
जरीडीह --- 1550---5100
कसमार --- 62---140
पेटरवार --- 190--- 1165
गोमिया ---1210--- 4788
बेरमो ---1680--- 4050
नावाडीह ---175---271
चंद्रपुरा ---210---437
कर्मचारी रंगनाथ के खिलाफ कई शिकायतें : सतनपुर और तेतुलिया मौजा के लंबे समय तक प्रभार में रहनेवाले कर्मचारी रंगनाथ ¨सह के कार्यकाल में इन क्षेत्रों की जमीन का जमकर खेल हुआ। कभी वन विभाग की जमीन की रसीद काटी गई तो कभी गरगा नदी की जमीन की रसीद। इस काम में सेवानिवृत्त कर्मचारी रंगनाथ को महारथ हासिल थी। उसके खिलाफ अभी भी एसआइटी में कई शिकायत लंबित है। चर्चा है कि सतनपुर एवं तेतुलिया मौजा में सैकड़ों आदिवासियों की जमीन की रसीद गैर आदिवासियों के नाम से कटने के साथ ही धीरे-धीरे उसकी खरीद-बिक्री भी हो गई। बघराय बेड़ा के कई आदिवासियों ने एसआइटी से इस कर्मचारी की शिकायत की है।
''मुख्य सचिव के निर्देश पर सभी अंचल अधिकारियों को संदेहास्पद और गलत जमाबंदी रद करने का आदेश दिया गया है। इस क्रम में सबने ऐसी जमाबंदी को चिह्नित कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।
- जुगनू ¨मज, अपर समाहर्ता, बोकारो