चास में कर्मचारियों की सामानांतर व्यवस्था
मानिक ¨सह, चास : बोकारो में जमीन की रसीद काटने और दाखिल खारिज करने में बोकारो के राजस्व कर्मचारिय
मानिक ¨सह, चास : बोकारो में जमीन की रसीद काटने और दाखिल खारिज करने में बोकारो के राजस्व कर्मचारियों का कोई जवाब नहीं है। सभी प्रमुख अंचल में कर्मचारियों ने सामानांतर व्यवस्था बना ली है। राजस्व कर्मचारियों ने अपना निजी दफ्तर भी बना रखा है। यहां उनके दो-तीन स्टाफ काम करते हैं।
यहां बिना घूस के किसी भी व्यक्ति का न तो रसीद काटी जाती है और न ही दाखिल-खारिज होता है। घूस की दर भी अलग-अलग है। यदि निजी जमीन है तो घूस की दर कम होगी। यदि जमीन दूसरे की है तो जमीन के मूल्य के हिसाब से रकम तय होती है। इसके लिए हल्का भी निर्धारित है। चास के हल्का नंबर तीन, चीरा चास, सतनपुर व शहर से सटे इलाके की जमीन का दाखिल खारिज करने के लिए भूमि के मूल्य का दस से बीस प्रतिशत तक कर्मचारी घूस वसूलते हैं। उनकी व्यवस्था पर न कोई नियंत्रण है और न ही कोई उपाय हो रहा है। सरकार की ओर से लैंड रिकार्ड डिजिटलाइजेशन का काम हो रहा है लेकिन अब तक चास-चंदनकियारी काम पूरा नहीं हुआ।
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वेतन से अधिक खर्च
राजस्व कर्मचारी को सरकार जितना वेतन देती है उससे ज्यादा वे खर्च करते हैं। चास के राजस्व कर्मचारियों के पास दो से तीन निजी कर्मचारी है। निगरानी के हत्थे चढ़े अशोक मिश्रा के साथ पकड़ा गया राकेश उन्हीं निजी कर्मचारियों में से एक था। इसकी जानकारी जिला के पास भी है लेकिन कार्रवाई नहीं होती। राजस्व कर्मचारियों का गैरसरकारी कार्यालय चास के तारानगर, पटेल नगर सहित अन्य स्थान पर हैं। कर्मचारी अपने यहां रजिस्टर दो भी रखा है, जबकि सरकारी दस्तावेज को सरकारी कार्यालय में ही होना चाहिए।
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चास में अधिक घूसखोरी
पूरे जिले में राजस्व कर्मचारियों की भारी कमी है लेकिन यह प्रशासनिक व्यवस्था की देन है कि चास के 13 हल्का में 13 कर्मचारी पदस्थापित हैं। इसके बावजूद चास में सरकारी, आदिवासी, नदी व नालों की भूमि का अतिक्रमण और बिक्री बदस्तूर जारी है। कर्मचारी जिस भी भूमि को चाहते हैं उसे सरकारी या सरकारी को रैयती बना देते हैं। इसलिए चास में अधिक घूसखोरी है।
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अंचलकर्मी की भी शिकायत
चास : सोमवार को जब निगरानी की टीम ने चास के राजस्व कर्मचारी को पकड़ा तो कई लोगों ने निगरानी से अंचल के सहायक रूपेश कुमार के बारे में भी शिकायत की। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि अंचल में कोई काम समय पर नहीं होता है। रूपेश कुमार पहले डीसीएलआर कार्यालय में था और अब अंचल में आ गया है। जनता उससे परेशान है। इस पर निगरानी अधिकारियों ने लिखित शिकायत रांची मुख्यालय में आकर देने को कहा है।
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रघुवर सरकार में भ्रष्टाचारियों की जगह जेल में है। यह बात सरकार ने पहले दिन ऐलान कर दिया है। जिन लोगों की आदत बिगड़ी हुई है वे सुधरें अन्यथा जेल जाने की तैयारी करें। नियम के विरुद्ध व गलत काम करनेवालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऑन लाइन म्यूटेशन पर तेजी से काम चल रहा है। चास-चंदनकियारी में सर्वे सेटलमेंट का लफड़ा है। अन्य जगहों पर निबंधन के साथ ही म्यूटेशन हो जाएगा।
अमर कुमार बाउरी, मंत्री भू-राजस्व व निबंधन।