हौसले की 'करनी' से रोजगार की नींव
संसू, कथारा (बेरमो) : शराबी पति के कारण भोजन मिलना तो मुश्किल था साथ ही बच्चों का भविष्य खराब हो
संसू, कथारा (बेरमो) : शराबी पति के कारण भोजन मिलना तो मुश्किल था साथ ही बच्चों का भविष्य खराब हो सकता था। इसलिए चांदमुनी ने अपने हाथ में करनी उठा ली। शुरुआती दिनों में मजदूरी की और कुछ अर्से में ही राजमिस्त्री का काम भी सीख गई। अब वह बेरमो कोयलांचल की एकमात्र महिला राजमिस्त्री है। उसका कहना है कि पति की शराब की लत के कारण उसे तो सुख नहीं मिला लेकिन वह अपने बच्चों का भविष्य संवार कर रहेंगी। पेटरवार प्रखंड की खेतको पंचायत के मड़ईघोघरा टोला की चादमुनी की शादी पेटरवार प्रखंड के आदिवासी बहुल गाव कोह में हुई थी। उसके दो बच्चे हैं।
पति ने जब शराब नहीं छोड़ी तो वह अपने मायके खेतको स्थित मड़ईघोघरा में आकर रहने लगी। दिहाड़ी मजदूरी शुरू की और आय बढ़ाने के लिए राजमिस्त्री का काम सीखा।
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मुश्किल नहीं कोई भी काम
उसके गांव मड़ईघोघरा के छोटन माझी, जीतराम सोरेन आदि ने बताया कि चादमुनी ने शराबी पति के कारण काफी दुख झेला। अब वह अपने बच्चो का भरण-पोषण बखूबी कर रही है। वह अपने बच्चों की पढ़ाई खेतको में संचालित एक निजी स्कूल में करा रही है। चादमुनी ने बताया कि कोई भी काम मुश्किल नहीं होता, बस करने की सच्ची लगन होनी चाहिए। वह बचपन में पढ़ाई नहीं कर पाई इसका मलाल उसे है। इसलिए वह अब अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर ऊंचे मुकाम तक पहुंचाएगी।