पेज तीन : अब एसआइएसएफ के हाथ में टाटा स्टील की सुरक्षा
अरविंद/बोकारो: अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान टाटा स्टील की सुरक्ष
अरविंद/बोकारो:
अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान टाटा स्टील की सुरक्षा में तैनात होंगे। टाटा स्टील ने सुरक्षा के लिए राज्य मुख्यालय से एसआइएसएफ के जवानों की मांग की है। मुख्यालय स्तर पर टाटा स्टील की मांग पर गंभीरता से विचार भी चल रहा है। प्रशिक्षण के बाद बेकार बैठे राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों की मांग एनटीपीसी भी पहले कर चुका है। एनटीपीसी चतरा में चल रहे अपने पॉवर प्रोजेक्ट और हजारीबाग में हो रहे माइनिंग कार्य की सुरक्षा के लिए राज्य एसआइएसएफ की मांग पहले ही कर चुका था। आवासीय समस्या समेत अन्य तकनीकी कमियों की वजह से जवानों की तैनाती अभी तक नहीं सकी है। बताया जा रहा है कि एनटीपीसी जरूरतों को पूरा करने की कवायद में जुटा है। तैयारियां पूरी होते ही वहां की सुरक्षा व्यवस्था संभाल लेंगे।
राज्य सरकार ने किया था गठन
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रतिष्ठान की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के गठन का निर्णय लिया। 635 जवान की नियुक्ति भी एसआइएसएफ में की गई। बोकारो के जैप चार में प्रशिक्षण हुआ। बेहतर प्रशिक्षण देकर इसी वर्ष फरवरी माह में राज्य की सेवा के लिए पूरी तरह से तैयार कर लिया गया। वर्तमान में बल के पास लगभग 635 जवान के अलावा 11 इंस्पेक्टर, 28 सब इंस्पेक्टर, 12 सहायक अवर निरीक्षक और 64 हवलदार हैं। जैप चार के कमांडेंट के प्रभार में ही एसआइएसएफ है।
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समस्या से एक साथ जूझ रहे सैफ जवान-
-वर्ष 2012 में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने वाले राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान वर्तमान में कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। भर्ती के बाद जवानों को कुछ तकनीकी खामियों की वजह से छह माह बाद वेतन मिलना शुरू हुआ। नौ माह की जगह इन्हें लगभग दो वष प्रशिक्षण की अवधि में बिताना पड़ा। इस वर्ष 4 फरवरी को प्रशिक्षण पूर्ण होने पर कसम परेड कराई गई और राज्य की सेवा के लिए पूरी तरह से तैयार बताया गया। इसके आठ माह बाद भी अभी तक जवानों को उनके प्रशिक्षण के अनुसार कहीं किसी औद्योगिक प्रतिष्ठान में नहीं लगाया जा सका। जवान जैप चार मुख्यालय के बगल में टेंट में रहने को विवश है। कुछ को बैरक में रहने की जगह जरूर मिली है। अभी तक राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल का कोई स्थायी ठिकाना नहीं बन सका है।
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वर्जन:
राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों की मांग टाटा स्टील से आई है। पुलिस मुख्यालय इस दिशा में आगे की कार्रवाई कर रहा है। पहले एनटीपीसी अपने माइनिंग व पावर प्रोजेक्ट के लिए जवानों की मांग कर चुका था। एनटीपीसी में रहने समेत अन्य कुछ सुविधाओं की मांग रखी गई थी। एनटीपीसी ऐसी सुविधाओं को बहुत जल्द बहाल करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने भी सेवा लेने की इच्छा जताई है। जहां तक मुख्यालय की बात है तो जिले में जमीन चिन्हित करने की कार्रवाई चल रही है।
नवीन कुमार सिन्हा, कमांडेंट, जैप-चार