दवा की आड़ में नशे का कारोबार
बोकारो : खासी जैसी बीमारी को दूर करने के लिए डॉक्टर की ओर से दी जाने वाली दवाओं का उपयोग बच्चे और युवा नशे के लिए कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग बगैर डॉक्टर की पर्ची के मेडिकल दुकानों को दवा न देने का आदेश दिया गया है। इसके बावजूद दुकानदार ऐसी दवाएं धड़ल्ले से बेच रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक बालीडीह, माराफारी, सेक्टर 9, चास, दुंदीबाद सहित आसपास के इलाकों में यह कारोबार तेजी से चल रहा है। इस पर दवा निरीक्षक कोई ध्यान नहीं दे रहे। फर्जी तरीके से लाइसेंस बनवाकर दवा बेचनेवाले इन दुकानदारों का प्रमुख पेशा नशे की गोली और सीरप बेचना है।
आसानी से मिलती दवाएं : मरीज को नींद नहीं आने पर जो गोली एक-एक कर दी जाती है, वह नशाखोरों को आसानी से उपलब्ध हो रही है, जबकि इस तरह की दवा को बगैर डॉक्टर की पर्ची के देना प्रतिबंधित है।
खराब हो सकती किडनी : चिकित्सकों के अनुसार जो लोग नशे के रूप में सीरप का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें जान भी गंवानी पड़ सकती है। नशाखोर इन दवाओं को एक बार में भी गटक जाते हैं। इसके अलावा नींद की दस गोलिया भी दिनभर में खा लेते हैं। दोनों ही प्रकार के नशे से किडनी खराब हो सकती है और लकवा का भी अटैक हो सकता है।