बीएसएलकर्मियों को मिलेगा लाभांश
बोकारो : बोकारो इस्पात संयंत्र में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के सदस्यों को अब प्रोत्साहन के रूप में उपहार के बजाय नगद राशि लाभांश के तौर पर मिलेगी। इस संदर्भ में झारखंड सरकार ने सोसाइटी के समन्वयक को नोटिस भेजी है। सहकारिता विभाग ने कहा है कि बीएसएल कर्मियों को कोई भी को-ऑपरेटिव सोसाइटी प्रोत्साहन के रूप में उपहार देने पर विवश नहीं कर सकती। सदस्यों को इस मद में सिर्फ डिविडेंट का लाभ देना है।
सहकारिता विभाग ने संयंत्र के संकार्य एवं गैर संकार्य इकाई में संचालित सभी साख समिति में सदस्यों को तत्काल उपहार के वितरण पर रोक लगाने का निर्देश भी दिया है। बता दें कि बीएसएल कर्मियों और अधिकारियों को ऋण आदि की सुविधा का लाभ देने के लिए प्रबंधन ने संयंत्र के संकार्य एवं गैर संकार्य इकाई में कुल दस को-ऑपरेटिव सोसाइटी की स्थापना की। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व हरेक साल सोसाइटी के मुनाफे के आकलन पर सदस्यों को प्रोत्साहन के रूप में उपहार का वितरण किया जाता है।
वित्तीय वर्ष 2013-14 को बीएसएल कर्मियों ने गिफ्ट के बजाय लाभांश की मांग करते हुए इसकी शिकायत सहकारिता विभाग से की थी। बताया गया कि बीएसएल को-ऑपरेटिव में कार्यकारिणी के कई अधिकारी सदस्यों को गिफ्ट देने के नाम पर अच्छी-खासी रकम का उपयोग अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए करते आ रहे थे। इस पर झारखंड सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी को-ऑपरेटिव सोसाइटी में उपहार के वितरण पर रोक लगा दी।
एजी मीटिंग के बाद मिलेगा लाभांश : बीएसएल कर्मियों को लाभांश की सुविधा को-ऑपरेटिव सोसाइटी एजी मीटिंग के बाद देगी। बोकारो इस्पात संयंत्र में कुल दस को-ऑपरेटिव सोसाइटी संचालित हैं। उनमें मिल्स जोन समेत करीब सभी कमेटी का कार्यकाल 31 मार्च 2014 को पूरा हो गया है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए झारखंड सरकार ने फिलहाल यहां नयी कमेटी के गठन के लिए चुनाव की घोषणा नहीं की है।
सूत्र बताते हैं कि 16 मई के बाद बीएसएल को-ऑपरेटिव में चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी। नयी कार्यकारिणी के सदस्य आम बैठक करेंगे। इसके बाद कर्मियों को नवंबर माह के वेतन में लाभांश की राशि मिल जाएगी। इस दौरान वर्तमान कार्यकारिणी सोसाइटी के मसले पर कोई बड़ा निर्णय नहीं ले सकती।
जानकार के मुताबिक लाभांश की सुविधा देने के लिए को-ऑपरेटिव सोसाइटी को अपने मुनाफे में से 35 फीसद राशि रिजर्व फंड, 10 फीसद घाटा और 10 फीसद आम कल्याण कोष के लिए रखनी होगी। बीएसएल में प्रत्येक वर्ष साख समिति सदस्यों को गिफ्ट के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा रकम खर्च करती है। उपहार के बजाय सदस्यों को डिविडेंट पर सात से आठ फीसद लाभांश मिल सकेगा जो गिफ्ट की तुलना में ज्यादा फायदेमंद है।
''बीएसएल कर्मियों से मिली शिकायत के आधार पर उपहार के वितरण पर रोक लगायी गयी है। यदि कोई को-ऑपरेटिव सोसाइटी आदेश की अवहेलना करती है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- राकेश कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, झारखंड