राज्य मे अपना जीएसटी कानून लागू हो
कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मुहम्मद यासीन ने कहा कि हम चाहते है कि रियासत का अपना जीएसटी हो।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । पूरे देश मे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के लागू होने मे सात दिन रह गए है, लेकिन जम्मू-कश्मीर मे यह कब लागू होगा। इसको लेकर असमंजस की स्थिति है। व्यापारिक संगठन ही नही, मुख्यधारा की सियासत से जुड़े कई दल अलगाववादियो की तर्ज पर जीएसटी के खिलाफ खड़े है।
वे चाहते है कि केद्रीय कानून लागू करने के बजाय सरकार राज्य की आर्थिक संप्रभुता को यकीनी बनाते हुए अपना जीएसटी कानून लागू करे। केद्र ने इस कानून को पहली जुलाई से लागू करने का एलान किया है।
राज्य सरकार ने इसे जम्मू-कश्मीर मे जीएसटी कानून से संबंधित केद्रीय संविधान के 101वे संशोधन को लागू करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया था, लेकिन उसने विपक्ष के आगे घुटने टेकते हुए सत्र को स्थगित कर दिया। राज्य सरकार ने जीएसटी को लागू करने और उसके मौजूदा प्रारूप मे धारा 370 के अनुरूप आवश्यक सुधार के लिए सर्वदलीय समिति के गठन का भी एलान किया है।
लगभग एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद आज तक इस समिति का औपचारिक एलान नही हुआ है। समिति का सदस्य बनाए गए सलााधारी दल के वरिष्ठ नेता व सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग ने भी हैरानी जताते हुए कहा कि मुझे खुद पता नही कि मै कौन सी समिति का अध्यक्ष हूं, बस मैंने सुना है कि जीएसटी के मुददे पर बनाई गई समिति का अध्यक्ष हू। कोई औपचारिक सूचना नही है। समिति मे और कौन है, यह भी मुझे पता नही है। ऐसे मे समिति की बैठक कब होगी, यह एलान करने वाले ही जानते होगे।
कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मुहम्मद यासीन ने कहा कि हम चाहते है कि रियासत का अपना जीएसटी हो। हम नही चाहते कि रियासत की आर्थिक और राजनीतिक स्वायलाता जिसे पहले ही बहुत कमजोर किया गया है, किसी तरह का नुकसान हो। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है, जहां भारतीय कानून नही लागू होने चाहिए। राज्य सरकार ने जो जीएसटी कानून का प्रारूप बनाया है, उसे चर्चा के लिए पब्लिक डोमेन मे डालना चाहिए।
प्रमुख विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विलामंत्री अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि राज्य सरकार रियासत की विशेष संवैधानिक स्थिति को भंग करने और राज्य की आर्थिक संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की साजिश के तहत ही केद्र के जीएसटी को लागू करना चाहती है। हम चाहते है कि राज्य का अपना जीएसटी हो। अब राज्य सरकार ने एक सर्वदलीय समिति का गठन कर मुझे भी उसमे सदस्य बनाने की बात की है,लेकिन यह समिति है कहां, हमे नही पता। अभी तक इसकी कोई बैठक नही हुई है। राज्य सरकार के पास जीएसटी को लेकर कोई रोडमैप नही है। राज्य सरकार अगर गंभीर होती तो हमने करीब चार साल पहले राज्य के जीएसटी का जो प्रारुप तैयार किया था,कम से कम उस पर ही चर्चा कराती।
विलामंत्री डॉ. हसीब द्राबु ने कहा कि जीएसटी को लेकर हमारा स्टैड स्पष्ट है। हमने किसी भी तरह से राज्य के हितो और विशेष संवैधानिक स्थिति के साथ कोई समझौता नही किया है और न करेगे। इसलिए हमने सत्र को स्थगित करते हुए सर्वदलीय समिति का एलान किया है। खैर, अगर हम जीएसटी व्यवस्था का हिस्सा न बनने पर राज्य के लोगो को सामाजिक व आर्थिक तौर पर ही नुकसान पहुंचाएंगे।