प्रेमिका की रुसवाई ने बना दिया आतंकी
प्रेमिका ने ठुकरा दिया तो सब्जार ने आतंकवाद का रास्ता अपना लिया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। बुरहान वानी का बचपन का दोस्त सब्जार अहमद शुरू से जिहादी मानसिकता का नहीं था। त्राल में एक युवती के साथ उसका काफी पुराना प्रेम संबंध था, लेकिन 2015 की शुरुआत में यह संबंध टूट गया। प्रेमिका द्वारा ठुकराए जाने पर उसने आतंकवाद का रास्ता अपना लिया।
वह शुरू में बुरहान वानी के लिए बतौर ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) काम करता था, लेकिन अप्रैल 2015 को बुरहान के भाई खालिद के एक मुठभेड़ के दौरान क्रास फायरिंग में मारे जाने के बाद वह सक्रिय तौर पर आतंकी संगठन में शामिल हो गया। खालिद की मौत के बाद भड़की हिंसा में वह एक सुरक्षाकर्मी से उसकी राइफल लेकर भाग गया था।
10 दिनों से सुरक्षाबलों के राडार पर था:
हिज्ब कमांडर सब्जार अहमद पिछले करीब 10 दिनों से सुरक्षाबलों के राडार पर था। सब्जार 19-20 मई को श्रीनगर आया था और तभी से उसके ठिकानों पर दबिश दी जा रही थी, लेकिन वह बच रहा था। सुरक्षाबलों को शुक्रवार रात पता चल गया था कि वह त्राल में शिकारगाह के पास स्थित सिख बहुल गांव सोयमू में अपने एक संपर्क सूत्र के पास छिपा है।
हुर्रियत व जाकिर में सुलह करा रहा था:
सूत्रों की मानें तो बुरहान वानी के मारे जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में हिज्ब की कमान संभालने वाले जाकिर मूसा द्वारा हुर्रियत नेताओं को दी गई धमकी से पैदा हुए हालात को सब्जार संभालने में जुटा था। वह गत सप्ताह श्रीनगर में कुछ अलगाववादी नेताओं व पुराने आतंकी कमांडरों से कथित तौर पर मिला था, ताकि जाकिर मूसा व अलगाववादी खेमे के बीच की गलतियों को दूर कर मूसा को हिज्ब में वापस लाया जा सके।
लालचौक में पुलिसकर्मी की पिटाई:
श्रीनगर में लालचौक के साथ सटे आबीगुजर में आतंकी सब्जार की मौत की खबर के साथ हिंसक हुए तत्वों ने वहां से गुजर रहे एक पुलिसकर्मी को पकड़कर बुरी तरह पीटा। इस घटना का पता चलते ही निकटवर्ती थाने से पहुंचे पुलिसकर्मियों ने हिंसक भीड़ पर बल प्रयोग करते हुए सड़क पर गिरे अपने घायल साथी को उठाकर अस्पताल पहुंचाया।