नेकां व कांग्रेस में संवाद बनना शुरू
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में निकट भविष्य में प्रस्तावित पंचायत और दो संसदीय क्षेत्रों के उपचुना
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में निकट भविष्य में प्रस्तावित पंचायत और दो संसदीय क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए बेशक अभी तक कोई अंतिम तिथि तय नहीं हुई है, लेकिन कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने बदलते समीकरणों के बीच यह चुनाव मिलकर लड़ने के लिए आपस में संवाद बनाना शुरू कर दिया है।
नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मुहम्मद सागर ने कहा कि हम कश्मीर विरोधियों को हराने के लिए कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर सकते हैं, लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला पार्टी की कोर समिति में ही होगा। कांग्रेस क्या कहती है, यह भी देखना बहुत जरूरी है।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी मोंगा ने कहा कि हम नेशनल कांफ्रेंस के साथ हाथ मिला सकते हैं, लेकिन यह फैसला आलाकमान ही तय करेंगे, लेकिन जहां तक मेरी जानकारी है इस बारे में विचार किया जा रहा है।
इस बीच कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि प्रदेश कांग्रेस समिति और कांग्रेस आलाकमान दोनों ही पंचायती चुनावों के अलावा कश्मीर घाटी के दो ससंदीय क्षेत्रों के उपचुनाव को नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर लड़ने को पूरी तरह तैयार है। इस बारे में कांग्रेस आलाकमान ने नेशनल कांफ्रेंस के शीर्ष नेतृत्व से भी बातचीत की है।
उन्होंने कहा कि चुनावी गठजोड़ में जीत की संभावना के आधार पर ही एक दूसरे दल के लिए स्थान छोड़ते हुए मदद की जाएगी। दक्षिण कश्मीर में इस समय नेशनल कांफ्रेंस की स्थिति कांग्रेस की अपेक्षा कमजोर है। इसलिए कांग्रेस का प्रयास है कि अनंतनाग संसदीय सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस का ही उम्मीदवार मैदान में उतरे और नेशनल कांफ्रेंस उसे पूरा समर्थन दे। ऐसे हालात में सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए वहां जीतना मुश्किल हो जाएगा। इस उपचुनाव के लिए कांग्रेस वहां बीते जुलाई से ही लगातार स्थानीय कार्यकर्ताओं के जरिए मतदाताओं से संपर्क कर रही है।
उन्होंने बताया कि श्रीनगर संसदीय सीट जोकि पीडीपी के संस्थापक सदस्य रहे तारिक हमीद करा के इस्तीफे से खाली हुई है, पर कांग्रेस डॉ. फारुक अब्दुल्ला या नेशनल कांफ्रेंस द्वारा नामांकित किए जाने वाले किसी अन्य उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए तैयार है। मध्य कश्मीर में कांग्रेस की अपेक्षा नेशनल कांफ्रेंस का जनाधार ज्यादा बेहतर है।
कांग्रेस नेता के अनुसार पंचायती चुनाव में भी इसी तरह मिलकर प्रत्याशी उतारे जाएंगे, जहां कांग्रेस का प्रभाव ज्यादा होगा वहां नेशनल कांफ्रेंस पूरी तरह कांग्रेस का साथ देगी और अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारेगी। नेशनल कांफ्रेंस के प्रभाव वाले इलाकों में कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं होंगे।