शोपियां में उल्टी पड़ी रणनीति
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : शोपियां में आज सुबह सैन्य दल पर हुए आतंकी हमले ने सुरक्षाबलों की ऑपरेशनल रणन
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : शोपियां में आज सुबह सैन्य दल पर हुए आतंकी हमले ने सुरक्षाबलों की ऑपरेशनल रणनीति की खामियों को ही उजागर किया है।
आतंकियों को अपने ठिकाने से भागने का मौका नहीं मिले, इसलिए सुरक्षाबल आतंकियों की धरपकड़ के लिए सिविल वाहनों में ही छापा मारने जाते हैं। वे अक्सर सूमो, टवेरा या इनोवा टैक्सी में जाते हैं, जो संबंधित शिविर के आसपास के अड्डे से ली जाती है। यह किसी भी तरह से बुलेटप्रूफ नहीं होती। शोपियां के कुनगु गांव में तलाशी के लिए गए सैन्यकर्मियों का एक दल ऐसी ही सूमो टैक्सी में गया था। आतंकियों को पता था कि यह बुलेट प्रूफ नहीं है, इसलिए उन्होंने इसे निशाना बनाया। मुठभेड़ स्थल पर मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगर सैन्यकर्मी किसी नागरिक वाहन के बजाय अपने ही वाहन में होते तो आतंकियों को अपने मंसूबों में कामयाबी नहीं मिलती।
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भितरघात से इन्कार नहीं
शोपियां हमले की जांच में जुटे अधिकारी भितरघात से भी इन्कार नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि आतंकियों ने बहुत सोच-समझकर मुलु गांव को हमले के लिए चुना। उन्हें पता था कि सेना के दो बड़े अधिकारी किस वाहन में हैं। इसके अलावा हमले के कुछ समय बाद ही हिज्ब के आतंकियों का वीडियो जारी होना यह संकेत देता है कि वे गत रोज से ही हमले की तैयारी कर रहे थे। हो सकता है कि उन्होंने किसी तरह सुरक्षाबलों तक कुनगु गांव में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पहुंचाई हो। सूचना देने वाला सुरक्षाबलों का ही कोई स्थानीय मुखबिर हो। इसलिए सुरक्षाबलों को कुनगु गांव में कोई नहीं मिला और जब वह वापस आ रहे थे तो पहले से तैयार बैठे आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया।