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सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के डीविजनल कमांडर खालिद को मुठभेड़ में मार गिराया

सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के उत्तरी कश्मीर के डीविजनल कमांडर खालिद को मुठभेड़ में मार गिराया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 09 Oct 2017 02:47 PM (IST)Updated: Mon, 09 Oct 2017 04:18 PM (IST)
सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के डीविजनल कमांडर खालिद को मुठभेड़ में मार गिराया
सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के डीविजनल कमांडर खालिद को मुठभेड़ में मार गिराया

 श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो]। सेना ने कश्मीर में फिर से अपनी जड़े जमाने का प्रयास कर रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के उत्तरी कश्मीर के डीविजनल कमांडर खालिद को एक संक्षिप्त मुठभेड़ में मार गिराया। आतंकी कमांडर ने मुठभेड़ के दौरान बचने के लिए अपने तीन ठिकाने बदले,लेकिन बच नहीं पाया। 

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यहां मिली जानकारी के अनुसार, बारामुला और उसके साथ सटे इलाकों में बीते दो साल से सक्रिय खालिद के बारे में एक सूचना मिलते ही आज दोपहर को सेना की 32 आरआर के जवानों ने लाडूरा इलाके में एक जगह नाका लगाया। नाका पार्टी को सड़क पर जैसे ही कुछ संदिग्ध लोग नजर आए,उसने उन्हें रुकने का संकेत किया। यह लोग आतंकी थे और उन्होंने नाका पार्टी को देखते ही उस पर फायर करते हुए निकटवर्ती बस्ती की तरफ दौड़ लगाई। 

जवानों ने आतंकियों की फायरिंग से खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया और भाग रहे आतंकियों का पीछा कर उन्हें मुठभेड़ में उलझा लिया। कहा जाता है कि एक आतंकी वहां फंस गया और अन्य भाग निकले। उक्त आतंकी ने जान बचाने के लिए पहले एक मिडल स्कूल की इमारत में शरण ली। लेकिन जब उसे लगा कि वह बच नहीं पाएगा तो उसने साथ सटे एक मकान में अपनी पोजीशन ले, सुरक्षाबलों पर फायरिंग की। 

सुरक्षाबलों ने संयम बरतते हुए जवाबी फायर किया और उसे सरेंडर के लिए कहा। इसी दौरान आतंकी कमांडर ने मकान को छोड़ दिया और वहीं पास बने एक गौऊखाने में उसने अपनी पोजशीन ले फायरिंग की। जवानों ने भी जवाबी फायर किया और करीब 25 मिनट तक चली मुठभेड़ में उसे मार गिराया। 

खालिद का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बहुत बड़ी कामयाबी माना रहा है। डबल ए श्रेणी के आतंकी खालिद के जिंदा अथवा मुर्दा पकड़े जाने पर 12 लाख का नकद ईनाम था। वह उत्तरी कश्मीर और सेंट्रल कश्मीर में जैश के नेटवर्क को धीरे धीरे मजबूत करते हुए स्थानीय लड़कों की भर्ती में जुटा हुआ था। इसके अलावा वह उत्तरी कश्मीर में एलओसी के पार से आने वाले जैश के आतंकियों के लिए विभिन्न इलाकों में सुरक्षित ठिकानों का बंदोबस्त करने के अलावा पैसे का इंतजाम भी करता था। 


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