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लाल चौक की विरासत को बचाने की जरूरत : शिक्षा मंत्री

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : शिक्षा मंत्री सईद मुहम्मद अल्ताफ बुखारी ने वीरवार को लालचौक की एतिहासिक महत

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 01:25 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 01:25 AM (IST)
लाल चौक की विरासत को बचाने की जरूरत : शिक्षा मंत्री

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : शिक्षा मंत्री सईद मुहम्मद अल्ताफ बुखारी ने वीरवार को लालचौक की एतिहासिक महत्ता का जिक्र करते हुए ढाचागत पुनर्विकास योजना को विकसित कर लाल चौक की विरासत को बचाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

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वह लालचौक और उससे सटे इलाकों में शहरी नवीनीकरण को बढ़ाने पर चर्चा के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में बोल रहे थे। इसमें जिला उपायुक्त श्रीनगर डॉ. फारूक अहमद लोन, चीफ टाउन प्लानर, एसएमसी के संयुक्तआयुक्त, एसएसपी यातायात और एसबीए व एसएमसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री ने कहा कि श्रीनगर रियासत का पुराना और एतिहासिक शहर होने के बावजूद सौंदर्य, स्वच्छता और ट्रैफिक से जुड़ी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है। इसलिए शहर में एक समग्र ढांचागत पुनर्विकास योजना पर जनता की सलाह लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना में शहरी आकार, सौंदर्यीकरण, सुविधा व सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही शहर की एतिहासिक धरोहरों को बचाने और उनके संरक्षण और विकास को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

बैठक में श्रीनगर शहर के लिए मास्टर प्लान को ध्यान में रखते हुए यातायात एवं परिवहन प्रबंधन, पुराने विरासत भवनों को बचाए रखने और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

इस दौरान गुरमीत एसराय ने विभिन्न देशों में संरक्षण परियोजनाओं पर किए गए कार्याें और उनमें प्राप्त सफलताओं पर रोशनी डालते हुए मल्टी मीडिया प्रेजेंटेशन दी। उन्होंने कहा कि किसी भी शहर में संरक्षण कार्यक्रम से संबंधित कोई भी कदम उठाते समय लोगों को शामिल करना जरूरी है, अन्यथा अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं हो पाते।

शिक्षा मंत्री ने गुरमीत एस राय को एक औपचारिक प्रस्ताव और लाल चौक में सौंदर्यीकरण के लिए एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण तैयार करने के लिए कहा। इसके बाद बुखारी ने कश्मीर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्थित सभी एतिहासिक इमारतों में स्थित स्कूलों व महत्वपूर्ण स्कूली इमारतों के संरक्षण और उनके देखभाल से जुड़े मुद्दों पर संबंधित अधिकारियों संग एक बैठक की। इसमें जिला उपायुक्त श्रीनगर, स्कूली शिक्षा निदेशक कश्मीर, आरएमएसए, एसएसए, स्कूली शिक्षा अतिरिक्त सचिव, आइआइटी मद्रास के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अरुण मेनन व संरक्षण आर्किटेक्ट गुरमीत बैठक में उपस्थित थी।

श्रीनगर के फतहकदल तथा कुपवाडा में दो सरकारी स्कूलों को पहले से ही बहाल करने की मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें गुरमीत राय को इन दो स्कूलों को बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव और बजट प्लान बनाने के लिए कहा गया है।

आइआइटी मद्रास और नागरिक इंजीनियरिंग के विभाग में एनसीएसएचएस को इस परियोजना में नियुक्त किया जाएगा। बैठक में यह भी बताया गया कि एनआइटी श्रीनगर जैसे स्थानीय तकनीकी संस्थान भी इस परियोजना में भाग लेगे। यह जानकारी भी दी गई कि इन पुराने और कमजोर भवनों को भूंकप और अन्य खतरों से सुरक्षित रखना है।

बुखारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2014 में आई बाढ़ से प्रभावित स्कूलों के पुनर्वास को प्रोत्साहन दिया है और डाउन टाउन श्रीनगर व घाटी के अन्य हिस्सों में क्षतिग्रस्त भवनों के नवीनीकरण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।


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