तीसरी आंख रखेगी डल झील पर नजर
नवीन नवाज, श्रीनगर डल झील को अतिक्रमण से बचाने और उसमें पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए अ
नवीन नवाज, श्रीनगर
डल झील को अतिक्रमण से बचाने और उसमें पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए अब सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जाएगी। झील के संरक्षण के लिए गठित झील एवं जलमार्ग विकास प्राधिकरण (लावडा) ने पहले चरण में 15 सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है।
राज्य में किसी झील अथवा जलस्रोत के संरक्षण के लिए सीसीटीवी कैमरों की मदद लिए जाने का यह पहला मौका है। लावडा ने सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के निर्देश पर लिया है। लावडा के सचिव निसार अहमद ने भी इस तथ्य की पुष्टि करते हुए कहा कि गत दिनों लावडा और श्रीनगर निगम के अधिकारियों की एक साझा बैठक में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का सुझाव आया था। मुख्यमंत्री को भी यह सुझाव पसंद आया।
लावडा में संबंधित एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बशारत अहमद ने बताया कि पहले चरण में 15 कैमरे की स्थापना के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। लगभग 77 लाख की लागत से खरीदे जाने वाले यह कैमरे अपनी श्रेणी में सबसे अत्याधुनिक होंगे और यह डल झील के उन इलाकों में पहले लगाए जाएंगे जहां अतिक्रमण का ज्यादा खतरा है। झील के अस्तित्व के लिए घातक गतिविधियां ज्यादा होती हैं। ये कैमरे झील को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों व तत्वों की बारीक से बारीक हरकत पर नजर रखने व उन्हें चिन्हित करने में समर्थ होंगे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सख्त निर्देश दिया है कि झील के संरक्षण को यकीनी बनाते हुए इसे नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इसके अलावा संबंधित अधिकारियों को भी उनकी लापरवाही के लिए दंडित किया जाए। उन्होंने गत दिनों हुई बैठक में कहा था कि सभी उपलब्ध अत्याधुनिक संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरों की मदद से हम चौबीस घंटे अतिक्रमणकारियों की गतिविधियों की निगरानी करते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई कर सकते हैं। सीसीटीवी कैमरों के जरिए झील के भीतर और सटे इलाकों में चौबीस घंटे नजर रखने के लिए एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा।