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कश्मीर पर तीसरी ताकत की जरूरत नहीं

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरी ताकत की मध्यस्

By Edited By: Published: Mon, 25 Jul 2016 02:40 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2016 02:40 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरी ताकत की मध्यस्थता को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर को लेकर पाकिस्तान किसी भी तरह से पाक साफ नहीं है। सभी मतभेदों को हल करने के लिए बातचीत के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है, लेकिन पहले शांति और सामान्य स्थिति बहाल होने दीजिए। इस संदर्भ में केंद्र मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को विश्वास में लेकर कोई कदम उठाएगा। कश्मीर समस्या का समाधान दो-चार दिनों या महीनों में हल नहीं होगा। इसमें समय लगेगा।

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श्रीनगर में राजनाथ ने रविवार को नई दिल्ली लौटने से पूर्व आतंकवाद, कश्मीर समस्या व मौजूदा विधि व्यवस्था पर मीडिया के सामने केंद्र का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि मैंने शनिवार से रविवार दोपहर तक 30 से ज्यादा प्रतिनिधिमंडलों से कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने के अलावा अनंतनाग का भी दौरा किया है। हालात का जायजा भी लिया है। ¨हसा में आम लोगों की मौत और उनके जख्मी होने का हमें अफसोस है। मेरी सबसे अपील है कि यहां हालात सामान्य बनाने में मदद कीजिए।

केंद्र सरकार कश्मीर के साथ जरूरतों का नहीं जज्बातों का संबंध बनाना चाहती है। अगर कोई मतभेद हैं तो उन्हें बातचीत से सुलझाया जा सकता है।

पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावना पर उन्होंने कहा कि कश्मीर पर तीसरी ताकत की जरूरत नहीं है। आतंकवाद कभी भी सहन नहीं होगा। खुद आतंकवाद की आग में झुलस रहा पाकिस्तान तो लाल मस्जिद में फौज लेकर घुस जाता है, दूसरी तरफ वह हमारे नौजवानों को मजहब के नाम पर बरगलाते हुए उनके हाथ में बंदूक थमा रहा है। पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। हुर्रियत व अन्य लोगों से बातचीत पर उन्होंने कहा कि इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है। कश्मीर को फिर से फिरदौस बनाना चाहिए। कश्मीर में कश्मीरियत, जम्हूरियत और केवल इंसानियत ही रहेगी और यही हमारा प्रयास है।

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पैलेट गन से बचें सुरक्षा बल

कश्मीर में पैलेट गन के प्रयोग पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि मैंने संसद में विशेषज्ञ समिति के गठन का एलान किया है। यह समिति दो माह में रिपोर्ट देगी। हमने सुरक्षाबलों को अत्यधिक संयम से काम लेने को कहा है। उन्हें पैलेट गन के इस्तेमाल से बचने के लिए कहा है।

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बहुत कुछ बदलता नजर आएगा

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कश्मीर नीति से हटने के आरोपों को नकारते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह हमारे आदर्श हैं। यहां हालात सामान्य होने दीजिए। आपको बहुत कुछ बदलता और होता नजर आएगा। मुख्यमंत्री के साथ इस मुद्दे पर लगातार संवाद हो रहा है। वह भी हालात को लेकर चिंतित हैं।

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चिदंबर का बयान देखने के बाद कहूंगा

पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के कश्मीर मुद्दे पर दिए बयान और केंद्रीय वार्ताकारों की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि बयान देखने के बाद ही कुछ कह सकूंगा। केंद्रीय वार्ताकारों की रिपोर्ट का पता करेंगे, उसका संज्ञान लेते हुए जो अमल करने लायक होगा, उस पर अमल किया जाएगा। अफस्पा हटाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न मुख्यमंत्रियों से व अन्य संबंधित पक्षों से बातचीत करनी जरूरी है।

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विशेष विमान से घायलों को एम्स ले जाया जाएगा

श्रीनगर : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को वादी में मौजूदा ¨हसाचक्र में घायलों की हर संभव मदद का यकीन दिलाते हुए कहा कि अगर जरूरत हुई तो सभी को विशेष विमान से नई दिल्ली स्थित एम्स ले जाया जाएगा। मैंने यहां मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से कहा है कि अगर जरूरत पड़ती है तो वह घायलों को बेहतर उपचार के लिए नई दिल्ली भेजें। हम सभी घायलों का दिल्ली में इलाज कराएंगे। हमने पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा है। यह अधिकारी जम्मू-कश्मीर के घायलों को एम्स में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार होगा।

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हालात पर नजर रखे हुए हैं पीएम

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर को लेकर पूरी तरह संवेदनशील हैं। शनिवार रात भी उन्होंने यहां के हालात और लोगों की समस्याओं को लेकर मुझसे फोन पर लंबी बात की है। वह स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और कश्मीर में अमन व खुशहाली चाहते हैं।

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मेरे बयान को गलत रंग न दीजिए

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षाबलों को छूट संबंधी अपने बयान को कश्मीर में भीड़ नियंत्रण के समय सुरक्षाबलों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग के साथ जोड़े जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मैंने यह बयान सीआरपीएफ के जवानों पर 24 जून को हुए हमले के बाद नहीं दिया था, बल्कि सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी में पांच लोगों के शहीद होने पर दिया था। दोनों ही घटनाओं की प्रकृति बिल्कुल भिन्न है।


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