जम्मू-कश्मीर में विधि व्यवस्था का मामला नहीं, छदम युद्ध है: निर्मल
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में लगातार बढ़ती आतंकी ¨हसा और पांपोर हमले से पैदा हुए हालात पर बुधव
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में लगातार बढ़ती आतंकी ¨हसा और पांपोर हमले से पैदा हुए हालात पर बुधवार को सदन में खूब हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें राज्य के हालात पर सदन में बयान देते हुए बताना चाहिए कि सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्या किया जा रहा है। इस बीच, उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सिर्फ विधि व्यवस्था की समस्या नहीं हैं, यहां छदम युद्ध चल रहा है। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए वीरवार को राज्य सरकार इस मामले पर सदन में बयान देगी। इसके बाद यह मामला ठंडा हुआ।
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान नेकां व कांग्रेस के सदस्यों ने पांपोर हमले का जिक्र करते हुए राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम यहां पर है, केंद्रीय गृह मंत्री का बयान आ गया है, लेकिन राज्य सरकार खामोश क्यों है। नेकां विधायक देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि भाजपा के युद्धोन्माद के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। पाकिस्तान के प्रति भाजपा को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। भाजपा विधायक रविंद्र रैना अपनी सीट पर खड़े होकर उन्हें टोकने लगे, लेकिन राणा ने अपनी बात जारी रखते हुए उनसे कहा कि आप कहते हो कि पाकिस्तान को परास्त कर देंगे, मुबारक हो। लेकिन हमें बताएं कि आप करने क्या जा रहे हैं।
मामले को तूल पकड़ते देख सीएपीडी मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली ने सरकार की तरफ से सदन में कहा कि सरकार राज्य के सुरक्षा परिदृश्य को लेकर पूरी तरह गंभीर है। इस मामले में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन नेकां के अली मुहम्मद सागर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री के सदन में मौजूद रहते हुए आपको ऐसे गंभीर मामले पर नहीं बोलना चाहिए।
इस पर उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो हालात हैं, उन पर पूरा देश चिंतित है। राज्य सरकार ने केंद्र के साथ पूरा संवाद बना रखा है। यहां सिर्फ विधि व्यवस्था की समस्या नहीं हैं। यहां छदम युद्ध चल रहा है। हमारा प्रयास है कि यहां कोई गड़बड़ी न हो, इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है। श्री अरमनाथ यात्रा शुरू होने वाली है, पर्यटन सीजन चल रहा है, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का पूरा प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यहां छदम युद्ध है, इसलिए ऐसी घटनाएं हो सकती हैं, यह पहले भी होती रही हैं।
उपमुख्यमंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने माइक संभाल लिया। उन्होंने कहा किहमें रियासत की सुरक्षा से संबंधित मामलों की जानकारी अखबारों से ही क्यों मिलती है। हम मानते हैं कि सरकार इस मामले में गंभीर है, लेकिन आप सदन को विश्वास में तो लीजिए। हम भी लोगों के चुने हुए नुमाइंदे हैं, हम लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने राज्य के हालात पर मुख्यमंत्री से एक विस्तृत बयान की मांग करते हुए कहा कि क्या यह सच है कि सीआरपीएफ की जगह बीएसएफ लगाई जा रही है। हमें बताया जाए कि सरहद पार से घुसपैठ की क्या स्थिति हैऔर इसे रोकने के लिए कोन से कदम उठाए गए हैं। उमर ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री, रक्षा मंत्री और डीजी सीआरपीएफ ने पांपोर हमले के बाद बयान दिए, हालात की जानकारी दी। हमारी मुख्यमंत्री छोटे-छोटे मामलों में बयान देने में व्यस्त रहती हैं, लेकिन लोगों की हिफाजत के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में सदन में जानकारी देने का उनके पास समय नहीं है। उमर ने कहा कि यहां कहा जाता है कि अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने का बंदोबस्त किया गया है, टूरिस्ट सीजन में किसी को खलल नहीं डालने दिया जाएगा। यात्रा तो एक महीना रहेगी, पर्यटन सीजन दो माह चलेगा। लेकिन हमारे लोग जिन्हें यहां 12 महीने रहना है, उनकी सुरक्षा के लिए यह सरकार क्या कर रही है।
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