कश्मीर: परीक्षा हुई नहीं, पर 19 लाख रुपये कर दिए खर्च
कश्मीर में एक अजब मामला सामने आया है जहां 2014 मे सरकारी स्कूलों मे आठवीं की वार्षिक परीक्षाएं तो हुईं नहीं, लेकिन राज्य शिक्षा संस्थान (एसइआइ) ने परीक्षाओ के आयोजन पर 19 लाख रुपये खर्च कर दिए।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर मे वर्ष 2014 मे सरकारी स्कूलों मे आठवीं की वार्षिक परीक्षा नही हुई, लेकिन राज्य शिक्षा संस्थान (एसइआइ) ने परीक्षाओ के आयोजन पर 19 लाख की राशि खर्च कर दी। मामले की जांच शुरू हुए तीन माह से ज्यादा समय बीत रहा है, लेकिन जांच रिपोर्ट नही आ रही है।
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गौरतलब है कि सितंबर 2014 मे कश्मीर मे विनाशकारी बाढ़ आई थी। इससे कई जगह सरकारी स्कूल तबाह हो गए थे। कश्मीर मे वार्षिक परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर मे होती है, लेकिन बाढ़ से तबाही को देखते हुए संबंधित प्रशासन ने आठवी की परीक्षाएं आयोजित नही की और सभी छात्रो को अगली कक्षा मे पदोन्नत करते हुए प्रवेश दे दिया गया।
एसइआइ ने अपने बजट मे बताया कि उसने वर्ष 2014 के लिए आठवीं की बोर्ड परीक्षा के आयोजन पर 1947558 रुपये खर्च किए है। इससे पूरा विभाग सन्न रह गया, क्योकि परीक्षा हुई नही थी। राज्य स्कूल शिक्षा विभाग के कश्मीर निदेशालय ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए। 14 जनवरी को जांच शुरू हुई। जांच समिति की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। जांच समिति मे एसइआइ श्रीनगर के प्रिंसीपल, चीफ अकाउंटस ऑफिसर निदेशालय राज्य स्कूल शिक्षा, कश्मीर और गांदरबल के मुख्य शिक्षाधिकारी शामिल है।
इस बीच, एसइआइ ने अपने तौर पर भी जांच शुरू कर दी। उसने अपनी रिपोर्ट मे दावा किया कि संस्थान वार्षिक परीक्षा की तैयारियो को पहले ही शुरु कर देता है। प्रश्न पत्र पहले ही छपवाए जाते है, इसलिए जब तक संबंधित प्रशासन ने परीक्षाएं आयोजित न करने का अंतिम फैसला लिया तब तक प्रश्नपत्र छपवाए जा चुके थे। छपाई पर ही यह राशि खर्च हुई है।
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स्कूल शिक्षा निदेशक कश्मीर डॉ. शाह फैसल ने कहा कि हमारे तीन सदस्यीय जांच पैनल की रिपोर्ट अभी नही आई है। जांच समिति के सदस्यो के अनुसार, वह अगले एक सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट देगे, लेकिन एसइआइ ने अपनी एक जांच मे दावा किया है कि प्रश्नपत्रो की छपाई व परीक्षा के संदर्भ मे अन्य तैयारियो पर पैसा खर्च हुआ है। उनके इस दावे को भी आसानी से खारिज नही किया जा सकता, लेकिन जब तक जांच समिति अपनी रिपोर्ट नही देगी, कुछ भी अंतिम तौर पर नही कहा जा सकता।
उन्होंने कहा कि अगर पैसा छपाई पर खर्च हुआ तो भी जांच की जाएगी कि यह पैसा कब, कहां और किन हालात मे प्रश्नपत्रो की छपाई और परीक्षा से संबंधित तैयारियो पर खर्च हुआ है। हम किसी को भी यूं क्लीनचिट नही दे सकते।