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कश्मीर में फिर बाढ़ जैसे हालात

जागरण न्यूज नेटवर्क, श्रीनगर/जम्मू : कश्मीर घाटी में पिछले साल सितंबर में आई भीषण बाढ़ से हुई भारी त

By Edited By: Published: Mon, 30 Mar 2015 02:15 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 02:15 AM (IST)
कश्मीर में फिर बाढ़ जैसे हालात

जागरण न्यूज नेटवर्क, श्रीनगर/जम्मू : कश्मीर घाटी में पिछले साल सितंबर में आई भीषण बाढ़ से हुई भारी तबाही को लोग भूल भी नहीं पाए थे कि वादी मे हो रही मूसलधार बारिश से फिर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। रविवार देर रात झेलम दरिया खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत हरकत में आते हुए अलर्ट जारी कर पुलवामा व श्रीनगर के निचले क्षेत्रों को खाली करने के निर्देश जारी कर दिए। रातभर लोग अपने घरों को खाली कर सुरक्षित क्षेत्रों की ओर रवाना होते रहे। बेमिना स्थित झेलम वैली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी पानी भर गया, जिसके बाद मरीजों को सौरा अस्पताल में शिफ्ट किया गया। रात को बारामूला के ड्रम पुल के ऊपर से पानी गुजरने लगा और कई क्षेत्रों में पानी भर गया। हालात को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) की दो कंपनियां को बुला लिया गया है, जो सोमवार सुबह कश्मीर पहुंच जाएंगी। वहीं प्रशासन ने राहत शिविरों को भी लगाना शुरू कर दिया है। प्रशासन ने विभिन्न विभागों को स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं।

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वादी के लगभग सभी प्रमुख नदी-नालों का जलस्तर उफान पर है। दक्षिण से उत्तरी कश्मीर में लगभग छह पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। लालचौक समेत कई इलाकों में पानी भर गया है और कई लोगों ने अपने घरों व दुकानों को खाली करना शुरू कर दिया है। कश्मीर में 44 मकानों सहित पूरे राज्य में 50 मकान ढह गए हैं। इसके अलावा कश्मीर में बाढ़ में फंसे 237 व जम्मू के पुंछ जिले में 20 लोगों सहित पूरे राज्य में करीब तीन सौ लोगों को पुलिस ने बचाया। वहीं जम्मू-श्रीनगर हाईवे जगह-जगह भूस्खलन से दूसरे दिन भी बंद रहा। राज्य के हालात को भांपते हुए मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद भी दिल्ली से कश्मीर पहुंच गए और उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की। इसके अलावा सड़क एवं भवन निर्माण मंत्री सैयद अल्ताफ बुखारी, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री इमरान अंसारी, पीएचई मंत्री चौधरी सुखनंदन और ऊर्जा राज्यमंत्री अशरफ मीर को हालात सामान्य होने तक वादी में रहने को कहा गया है। इधर, जम्मू में भी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बिश्नाह में आसमानी बिजली गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई और कई पहाड़ी क्षेत्र जिला मुख्यालयों से कट गए हैं।

कश्मीर घाटी में लगातार हो रही बारिश से झेलम, रंबियार, वेसु, दूधगंगा, लिद्दर समेत सभी प्रमुख नदी-नालों और दरियाओं का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। राजबाग जहां पिछले साल बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी, वहां की मुख्य सड़क पर डेढ़ फुट पानी जमा हो चुका है, जबकि अंदरूनी इलाकों में दो से तीन फुट तक पानी है। बेमिना की हमदानिया कॉलोनी और गोरीपोरा में भी पानी दाखिल हो चुका है। लालचौक में दो फुट पानी जमा है।

जिला उपायुक्त श्रीनगर फारूक अहमद लोन ने कहा कि शहर में कहीं भी झेलम का पानी दाखिल नहीं हुआ है। ड्रेनेज की उचित व्यवस्था न होने के कारण ही विभिन्न इलाकों में पानी जमा हुआ है, हम इसे लगातार निकाल रहे हैं। उधर, कुलगाम में वेशु नाले में बाढ़ से ब्राजलु का अस्थायी पुल बह गया। इससे काजीगुंड का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। शोपियां व पुलवामा जिले में नेवा और टहाब में स्थानीय नालों पर बनाए गए पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पुलवामा में नेना और लेथपारो में पानी का जलस्तर बढ़ने के साथ कई लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। गुलमर्ग-श्रीनगर सड़क पर कुंजर के पास फिरोजपोरा नाले पर बना पुल भी बीती रात बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे गुलमर्ग का संपर्क श्रीनगर से कट गया है। जिला बारामुला के करीरी-पट्टन इलाके में स्थित वागूरा पुल भी बाढ़ से टूट गया है। इस बीच, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री अब्दुल मजीद पाडर ने कहा कि वादी में स्पेशल कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जो स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

बाढ़ का खतरा नहीं :

श्रीनगर स्थित मौसम विभाग के निदेशक सोनम लौटस ने कहा कि बेशक यहां बारिश से दरियाओं का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन बाढ़ का खतरा नहीं है। हर बारिश से बाढ़ नहीं आती। यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से है और यह सोमवार को कमजोर हो जाएगा। इसके बाद दो अप्रैल से ही यह जोर पकडे़गा, लेकिन उस समय यह आज की अपेक्षा कमजोर ही होगा। इससे होने वाली बारिश से बाढ़ नहीं आएगी, लेकिन नदी नालों के जलस्तर पर एहतियातन नजर रखी जानी चाहिए। इसके अलावा कई जगहों में भूस्खलन जरूर हो सकता है।

सात जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी :

पुलवामा, कुलगाम, बांडीपोर, कुपवाड़ा, बारामूला, गांदरबल और कारगिल।

'लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है।'

-मुफ्ती मुहम्मद सईद, मुख्यमंत्री


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