कक्षाएं आठ, शिक्षक एक
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी : एक तरफ सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के के दावे किए जाते
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी : एक तरफ सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के के दावे किए जाते हैं तो दूसरी तरफ जमीनी हकीकत इनका मखौल उड़ाती है। सीमांत क्षेत्र में खोले गए मिडिल स्कूल गाईपन्यास भी इसी का उदाहरण है।
इस स्कूल में आठ कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए महज एक शिक्षक उपलब्ध है वह भी अस्थायी। क्षेत्र के बच्चों का भविष्य दांव पर है। शहर के आसपास के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या न्यून है। लेकिन सीमांत इलाके में निजी स्कूल नहीं होने की वजह से सरकारी स्कूल में करीब 40 विद्यार्थी हैं पर इन बच्चों को भविष्य संवारने के लिए मात्र एक शिक्षक नियुक्त किया गया है। अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। वहीं, प्रशासन और विभाग उनकी चिंता से बेखबर हैं।
गाईपन्यास निवासी व वीईसी के पूर्व चेयरमैन अशोक कुमार, जीत सिंह, जिया लाल, कमल राज, और नेक राम ने बताया कि दो माह पहले इस स्कूल में तीन शिक्षक थे। इससे एक का तबादला कर दिया गया, इतना ही नहीं जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी ने एक माह के बाद दूसरे शिक्षक का भी तबादला कर दिया। ग्रामीणों ने इन तबादलों के पीछे भ्रष्टाचार होने की बात कही है। सब जानते हुए भी मुख्य शिक्षा अधिकारी ने ये तबादले किए हैं। इससे साफ पता चलता है कि तबादला रुपये की लालच में किया गया है, और बच्चों के भविष्य की और कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ग्रामीणों ने एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर शिक्षक को नियुक्त नही किया गया तो सैकड़ों ग्रामीण हाईवे जाम कर प्रदर्शन करने पर बाध्य होंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
मुख्य शिक्षा अधिकारी ईमानदार हैं, पैसे लेकर उन्होंने शिक्षकों के तबादले नहीं किए हैं। लेकिन किसी बड़े नेता व अधिकारी के आदेश या आग्रह का सम्मान करना पड़ता है। हमें स्कूल में शिक्षकों की कमी की जानकारी है, जल्द ही शिक्षकों को नियुक्त करने का प्रयास किया जाएगा।
-शमशेर सिंह स्याल, जेडईओ सुंदरबनी