स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो महिलाएं
कठुआ,वरिष्ठ संवाददाता
समाज में महिलाओं की भूमिका अहम है, उनके क्या अधिकार है, महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति कितना किस तरह से सचेत रहना है। इन सब की जानकारी देने के लिए गांव बडाला में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शनिवार को समापन हो गया।
समापन समारोह में शिक्षाविदों और डॉक्टरों ने ग्रामीण महिलाओं को विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में मुख्य अतिथि डिग्री कॉलेज की हिंदी विभाग की एचओडी डॉ. संगीता ने महिलाओं को सशक्तीकरण के मायनों से अवगत कराया। वहीं, महात्मा गांधी अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. डिंपल ने ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना होगा। भागदौड़ की जिंदगी में भले ही आज पुरुषों के पास समय नहीं है, लेकिन इसके लिए महिलाओं को खुद जागरूक होना होगा। महिलाओं को समय-समय पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और उनके इलाज के लिए अपने नजदीकी अस्पतालों में जाना चाहिए। जहां पर सरकार की कई नई-नई योजनाओं की जानकारी मिल सकती हैं। उन्होंने महिलाओं को आज के दौर में किसी भी तरह की गुप्त बीमारी को बताने में झिझक न करने की नसीहत दी। डॉ. डिंपल ने महिलाओं को परिवार नियोजन की ओर भी विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश की बढ़ती आबादी को देखते हुए उन्हे सरकार द्वारा चलाई गई परिवार नियोजन की स्कीमों को अपनाएं। वहीं, कॉलेज अध्यापिका डॉ. संगीता ने महिलाओं को सशक्त बनने का आग्रह किया। इसके लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। अगर खुद किसी कारण शिक्षित नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपने बच्चों को भी इससे वंचित रखे, विशेषकर लड़कियों को इस मामले कदापि वंचित न रहने दें। अगर लड़कियां पढ़ी होंगी तो घर में सब कुछ ठीक ठाक रहेगा, क्योंकि पढ़ी लिखी औरत घर चलाने के लिए पूरी तरह सक्षम होती है। महिलाएं आत्म निर्भर बने और कुछ कर दिखाने में अपने अंदर आत्म विश्वास पैदा करे। डा. अनीता किरण ने महिलाओं से भू्रण हत्या के खिलाफ आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं चाहे तो समाज को बेहतर बनाने में अपना अहम योगदान दे सकती है,लेकिन पहले उसे अपने अंदर विश्वास बनाना होगा और प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए पुरुष सदस्यों से सहयोग लेना होगा। यह भी सही है कि बिना पुरुष के सहयोग महिला सफल नहीं हो सकती है। इतिहास में इसके कई उदाहरण है। जितनी भी महिलाएं आज समाज में अपना अलग पहचान बना रही है,उन्हे उसके लिए पुरुषों का सहयोग मिला है। डा. टीआर शर्मा और नरेश गुप्ता ने महिलाओं को अपने पांव पर खड़ा होने का आह्वान किया और कहा कि उन्हे पंचायत चुनाव में बढ़ कर भाग लेना होगा। जब तक वो खुल कर सामाजिक कायरें में अपने हाथ बढ़ाने के लिए आगे नहीं आएगी,तब तक न तो महिला सशक्त बन सकती है और न ही समाज। समाज में महिलाओं को देवी का दर्जा मिला है,उसे देवी बनकर समाज में पुरुषों के सहयोग से आगे आना होगा। महिला मंडल के सहयोग से वीमेन स्टडी सेंटर द्वारा आयोजित किए गए इस शिविर में महिलाओं के स्वास्थ्य की निशुल्क जांच की गई और मौके पर उपलब्ध दवाईयों को भी वितरित किया गया। वीमेन स्टडी की सुजाता सलाथिया ने महिला मंडल की महासचिव उपदेश अंडोत्रा के प्रयासों की सराहना की।
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