मकानों के साथ अंडर ग्राउंड बंकर भी बना रहे किसान
संवाद सहयोगी, हीरानगर : सीमा पर गोलाबारी भले ही पिछले नवंबर माह से बंद है पर लोगों में खौफ बरकरार है
संवाद सहयोगी, हीरानगर : सीमा पर गोलाबारी भले ही पिछले नवंबर माह से बंद है पर लोगों में खौफ बरकरार है। पाक कब अपनी नापाक हरकत को अंजाम देकर गोलाबारी कर दे, कोई नहीं जानता। गोलाबारी से किसी की जान भी जा सकती है। सरकार की तरफ से अब तक लोगों की सुरक्षा के लिए बंकर न बनाए जाने से निराश होकर अब लोगों ने स्वयं ही अपनी सुरक्षा का बीड़ा उठाया है। अब वे लोग अपने पैसे से बंकर बनवा रहे हैं।
इलाके के कुछ लोग सुरक्षित स्थानों पर मकान बनाने के लिए जमीन की तलाश कर रहे हैं और जो सीमांत क्षेत्र में मकान बना रहे हैं वह वास्तु शास्त्र से नहीं बल्कि पाकिस्तान की गोलीबारी को ध्यान में रखकर बना रहे हैं। वे मकानों के अंदर ही अंडर ग्राउंड कमरा बनाकर वैकल्पिक बंकर भी बना रहे हैं। गुज्जर चक के तरसेम वर्मा के बाद अब पाटी के बूटा राम पुत्र तेज राम ने भी अपने मकान में ऐसा ही बंकर बनाया है। सीमा से तीन सौ मीटर की दूर पर पड़ते गांव पाटी मेरू में तीस परिवार रहते हैं। गांव के तीर्थ राम व विजय कुमार के मकान पाक गोलाबारी से क्षतिग्रस्त हो गए थे और ज्योति, सतपाल, धनीराम, दरबारी लाल, कस्तूरी लाल के मवेशी मर गए थे। बूटा राम, किशोरी लाल का कहना है कि गत वर्ष नंवबर में पाकिस्तान द्वारा दागे करीब बीस गोले गांव में पड़े थे। गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई। अब तीस परिवारों में से आठ ने सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर लिया है। सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं कर रही। बूटा राम का कहना है कि रोजगार भी नहीं है, गांव को छोड़कर भी नहीं जा सकते। अब घरों में बंकर होना जरूरी है। यही सोच कर अंडरग्राउंड कमरा बनाकर बंकर तैयार कर लिया है।
इस संबंध में एसडीएम सोहन लाल का कहना है कि गांवों में बंकर बनाने का प्रपोजल भेजा है, अभी मंजूरी नहीं मिली है।