कठुआ के कवियों को मिला मंच
संवाद सहयोगी, कठुआ : कठुआ के कलाकारों को अब अपनी इमारत की छत में बैठकर कला को निखारने का मौका मिल
संवाद सहयोगी, कठुआ : कठुआ के कलाकारों को अब अपनी इमारत की छत में बैठकर कला को निखारने का मौका मिल गया है। करीब दो दशक के बाद सीआरपीएफ से मुक्त कराई गई इमारत को विधिवत तरीके से शनिवार को कलाकारों के हवाले कर दिया गया। शनिवार को इमारत परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें डीसी रमेश कुमार मुख्य तौर पर उपस्थित हुए। जबकि डॉ. भारत भूषण विशेष तौर पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
डीसी ने कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि पिछले काफी समय से यह इमारत सीआरपीएफ के पास थी, जबकि अब सीआरपीएफ ने यह इमारत छोड़ दी है, जिससे अब कलाकारों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इमारत में तमाम सुविधाओं को लेकर प्रयास किए जाएंगे प्रशासन इसके लिए सहयोग करेगा। यहां डोगरी, पहाड़ी के अलावा अन्य प्रदेशों की संस्कृति और स्थानीय कल्चर को बढ़ावा देने के प्रयास होंगे। उन्होंने कलाकारों से अपील की कि वह युवाओं को भी इसी दिशा से जोड़ें।
जम्मू-कश्मीर आर्ट अकादमी के अतिरिक्त सचिव डॉ. अरविंद्र सिंह, डॉ. अजीज हाजिनी ने अतिथियों का आभार जताते हुए यहां बेहतर गतिविधियों पर जोर दिया। इसी बीच कवियों ने भी अपनी रचनाओं के माध्यम से समां बांधा। कार्यक्रम में टीआर सुंबड़िया, विजय शर्मा, खजूर सिंह, हजूरा सिंह, रमेश चंद्र, दिलीप सावन, शाम लाल, शशि शर्मा, बालम राम, राकेश लबली, संजय सहगल, जितेंद्र खजूरिया, रेनू पादा, धर्मवीर, सरोज बाला, मदन लाल, नरेश केरनी, आरएस काटल, रोहित मिंटू, करतार वर्मा, तरसेम महाजन, डॉ. परमजीत सिंह आदि शामिल रहे।