बार-बार के पलायन से तंग आ चुके हैं सीमांत क्षेत्रों के लोग
संवाद सहयोगी, हीरानगर : भारत-पाक सीमा पर शनिवार को शांति बनी रही। जो लोग वीरवार शाम को सुरक्षित स्था
संवाद सहयोगी, हीरानगर : भारत-पाक सीमा पर शनिवार को शांति बनी रही। जो लोग वीरवार शाम को सुरक्षित स्थानों पर आए थे, शनिवार को सुबह वापस घरों में चले गए। केवल पचास के करीब महिलाएं व बच्चे ही हायर सेकेंडरी स्कूल हीरानगर स्थित शिविर में रुके हुए थे। ये सभी बोबिया के हैं, जिन्हें प्रशासन की ओर से वहां रहने की सुविधाएं दी गई। अगर एक-दो दिन में सीमा पर गोलीबारी नहीं होती है, तो वे भी वापस घरों को लौट सकते हैं।
उधर बार-बार पलायन से तंग आ चुके सीमांत क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि जिस रात प्रशासन लोगों को शिविरों में लाता है, उस रात सीमा पर गोलीबारी नहीं होती। बार्डर यूनियन के प्रधान नानक चंद, भारत भूषण, तीर्थ सिंह, अजीत वर्मा का कहना है कि जब गांव खाली होते हैं तो पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब देना चाहिए। उनकी गोली का इंतजार क्यों करना है। 2002 में सेना ने गोलीबारी कर पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब दिया था। तब पाकिस्तान युद्ध विराम के लिए मजबूर हो गया था। उन्होंने कहा कि गोलीबारी की आशंका से सीमांत क्षेत्र में सभी स्कूल बंद हो जाते हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। इस समय फसल की कटाई का समय है। फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे। लोगों की रोजी-रोटी के स्रोत भी बंद हो गए हैं। अगर ऐसे हालात रहे तो लोग बार्डर पर रहकर क्या करेंगे। गोलीबारी की आशंका से सीमांत क्षेत्र में सभी स्कूल अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं।