लड़कियों को मजबूरन दसवीं के बाद बंद करनी पड़ती है पढ़ाई
संवाद सूत्र, बनी : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ का नारा देकर लोगों को जा
संवाद सूत्र, बनी : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ का नारा देकर लोगों को जागरूक करने की भरपूर कोशिश की है लेकिन राज्य सरकार बेटी को पढ़ाने की राह में जो मुश्किलें आ रही है उन्हें दूर करने करने के लिए गंभीरता नहीं दिखा रही है। शिक्षा जोन बनी में पड़ने वाले हाईस्कूल सित्ती का दर्जा न बढ़ने का कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए 25 किलोमीटर दूर बनी आना पड़ता है। पैदल रास्ता होने के कारण गांव से रोज पैदल सफर कर बनी आना संभव नहीं है और गांव के लोग आर्थिक रूप से इतने संपन्न भी नही कि वह अपने बच्चों का बनी में रख कर पढ़ाई करवा सके। ऐसी स्थिति में लड़कों की पढ़ाई तो जैसे तैसे हो भी जाती है। लड़कियों की पढ़ाई दसवीं के बाद पूरी तरह से बंद हो जाती है।
इस बारे में गांव के हरबंस लाल, बालक राम, शाम लाल, खेम राज आदि ने कहा कि करीब एक दशक पुराने इस स्कूल का दर्जा बढ़ाने के लिए वह लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए विभाग के अधिकारियों सहित बनी आने वाले राजनेताओं से अपील कर चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी मांग पर गौर नही हुआ है। उनका कहना है कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है लेकिन सुविधाएं न मिल पाने से उनके इलाके की लड़कियों की शिक्षा अधूरी रह जाती है। ग्रामीणों ने स्कूल का दर्जा बढ़ाए जाने की मांग की है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे में जेडईओ मिल्खी राम का कहना है कि लोगों की समस्या जायज है और विभाग भी इसके लिए गंभीर है। उन्होंने इस स्कूल को अपग्रेड करने के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखा है।