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सीमांतवासियों की फीकी रही दिवाली

संवाद सहयोगी, चड़वाल : नापाक पड़ोसी की हरकतों ने इस बार सीमांतवासियों की दीपावली की खुशियां छीन ली। ख

By Edited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 01:02 AM (IST)Updated: Sun, 26 Oct 2014 01:02 AM (IST)

संवाद सहयोगी, चड़वाल : नापाक पड़ोसी की हरकतों ने इस बार सीमांतवासियों की दीपावली की खुशियां छीन ली। खौफ और डर के बीच सीमांतवासी शरणार्थी शिविरों में सिमटे रहे। लोगों ने मन ही मन मां लक्ष्मी की प्रार्थना तो कर ली, लेकिन बच्चे आतिशबाजी को तरसते रहे। अमावस की अंधेरा दूर करने के लिए लोग दीये नहीं जला सके, लेकिन उनका दिल रातभर जलता रहा। इससे पहले करवाचौथ पर भी कड़वा घूंट पीना पड़ा था।

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सीमा पर बने तनाव के कारण व पिछले काफी समय से सीमांतवासियों का सुकून छिन गया है। लोग शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने आशंका जाहिर की थी कि दीपावली पर पाकिस्तान फायरिंग कर सकता है। इस वजह से लोग अपने घर छोड़ शिविरों में बैठे रहे। करवा चौथ की तरह दीपावली भी राहत शिविरों में बितानी पड़ी। मीलों दूर अपने बच्चों के साथ शिविरों में बैठे शरणाíथयों के चेहरों पर दीपावली की खुशी के बजाय गोलीबारी का डर और खौफ था। त्योहार के दिन उदास बैठे शरणाíथयों ने कहा कि सरकार सीमा पर स्थायी शांति स्थापित करे या उन्हें सुरक्षित स्थानों पर बसा दिया जाए। ताकि कम से कम ऐसे त्योहारों के मौकों पर तो अपने परिजनों के साथ अमन चैन से रह सकें। मढ़ीन शरणार्थी कैंप में बैठे रघुवीर ¨सह ने कहा कि अपनी 35 साल की उम्र में करीब 25 दीपावली उनकी इसी हालत में गुजरी है। अब और अधिक बर्दाश्त नहीं होता। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें पिछले डेढ़ दशक से सुरक्षित स्थान पर प्लॉट देने का आश्वासन देती आ रही है, लेकिन आज तक हुआ कुछ नहीं। हालांकि प्लॉट मिलने से उनकी सभी मुश्किलों का हल तो नहीं हो जाता, लेकिन फिर ऐसे हालात से कुछ हद तक राहत मिल सकती है।

जिला प्रशासन ने किया खुशी देने का प्रयास

प्रशासन ने भी शिविरों में जाकर शरणाíथयों के साथ त्योहार की खुशी को साझा किया। डीसी शाहिद इकबाल ने शिविरों में जाकर वहां रह रहे बच्चों में मिठाइयां, उपहार, खेल का सामान आदि वितरित कर उन्हें खुश करने का प्रयास किया। डीसी के साथ एडीसी प्रसन्ना रामास्वामी, एसडीएम सोहन लाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी आदि मौजूद थे। इसी बीच प्रशासनिक अधिकारियों ने शहर के नारी निकेतन और बाल आश्रम में भी रह रहे गरीब व बेसहारा लोगों को दीपावली के दिन मिठाई आदि वितरित की। इस मौके पर बॉर्डर यूनियन के उपप्रधान भारत भूषण भी मौजूद थे। डीसी ने इस मौके पर शिविरों में रह रहे लोगों को यह भी भरोसा दिलाया कि अब उन्हें ज्यादा देर तक यहां शरणार्थी बनकर नहीं रहना पड़ेगा, प्रशासन ने उन्हें घर तक पहुंचाने के लिए प्रबंध कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पर हालात अब सामान्य होने की उम्मीद बनी हुई है, सीमा पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों ने अब शांति होने का भरोसा दिलाया है।


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