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अलगाववादियों से घातक हैं कुछ मुख्यधारा के नेता

प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि कश्मीर में अलगाववादी अपने निहित स्वार्थो की पूर्ति के लिए राजनीति कर रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 24 Jul 2017 11:35 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jul 2017 11:35 AM (IST)
अलगाववादियों से घातक हैं कुछ मुख्यधारा के नेता
अलगाववादियों से घातक हैं कुछ मुख्यधारा के नेता

जम्मू, [राज्य ब्यूरो] । प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि कश्मीर के हितों को नुकसान पहुंचाने में कुछ मुख्यधारा वाली राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने अलगाववादियों को पीछे छोड़ दिया है। वह अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए अलगाववाद को शह दे रहे हैं।

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कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली में रविवार को हुए सेमिनार में डॉ. जितेंद्र विचार रखे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में अलगाववादी अपने निहित स्वार्थो की पूर्ति के लिए राजनीति कर रहे हैं। उनका मकसद सिर्फ सुर्खियों में बने रहना है। कश्मीर के कुछ मुख्यधारा के नेता भी गिरगिट की तरह रंग बदलना सीख गए हैं। वे जगह के हिसाब से भाषा बदल लेते हैं।

विपक्षी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कुर्सी जाते ही कुछ नेता कश्मीर के दर्जे को प्रश्न चिन्ह लगाने लगते हैं। कुर्सी मिलते ही वे देश के नाम की कसम खाकर कश्मीर को देश का अभिन्न अंग बताते हैं।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समय आ गया है कि कश्मीर को लेकर स्वार्थ की राजनीति करने वाले अलगाववादियों व मुख्यधारा के कुछ दलों का असली चेहरा लोगों के सामने लाया जाए।

राज्य की अधिकतर जनसंख्या इस समय 35 से 40 साल के नीचे है। वे गुमराह करने वालों को एक्सपोज करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि दूसरों के बच्चों को बंदूक थमाने वालों से कहा जाना चाहिए कि वे अपने बच्चों को भी बंदूक दें।

ऐसे ही कश्मीर को लेकर संदेह रखने वाले मुख्यधारा के नेताओं को भी सांसद, पूर्व सांसद के रूप में मिली सुरक्षा लौटाने के साथ भारतीय संविधान के तहत मिले पदों से त्यागपत्र देना चाहिए। पाकिस्तान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी भी जम्मू कश्मीर को भारत के हिस्से के रूप में स्वीकार नहीं करेगा।

दोनों देशों के बीच कोई मुद्दा है तो वह उसके कब्जे वाले गुलाम कश्मीर को वापस लेकर वही स्थिति बहाल करनी है जो महाराजा के समय थी। सीमा की स्थिति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से सेना, सुरक्षा बल सीमा पर कड़ा जवाब दे रहे हैं वैसा पिछली सरकारों के कार्यकाल में नहीं होता था।

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