महाशिवरात्रि व्रत से होता है सभी पापों का क्षय
जागरण संवाददाता, जम्मू भगवान शिव का अनुसरण करने मात्र से जहां मोक्ष प्राप्त होता है वहीं शिव के प्
जागरण संवाददाता, जम्मू
भगवान शिव का अनुसरण करने मात्र से जहां मोक्ष प्राप्त होता है वहीं शिव के प्रमुख पर्व शिवरात्रि का व्रत रख भक्तजन सभी पापों-कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। महाशिवरात्रि व्रत को रखने वालों को उपवास के पूरे दिन भगवान शिव शकर का ध्यान करना चाहिए।
बाबा कैलख देव स्थान के महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि का व्रत शिवभक्त के लिए विशेष महत्व रखता हैं। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाने वाला यह महापर्व इस वर्ष 24 फरवरी को मनाया जा रहा है। भक्त इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भस्म का तिलक कर रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं। इस दिन विधिपूर्वक व्रत रख श्रद्धालु गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, फूल, शुद्ध वस्त्र, बेल पत्र, धूप, दीप, नैवेध, चंदन का लेप, ऋतुफल, आक धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग को अर्पित करें। शिवपूजन, शिवपुराण, रुद्राभिषेक, शिव कथा, शिव स्तोत्रों व ऊ नम: शिवाय का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं।
अगर शिव मंदिर में पूजन, जाप करना संभव न हो, तो घर में, किसी शांत स्थान पर पूजन, जाप किया जा सकता हैं। रोहित शास्त्री ने बताया कि कुछ श्रद्धालु इस व्रत में रात्रि चारों पहर में पूजन भी करते हैं। रात्रि चारों पहर में पूजन, जाप करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। भगवान शिव शकर अत्यन्त प्रसन्न होते है। इस दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था। शीलवती गौरी को धर्मपत्नी बनाने वाले भगवान शिव प्रेतों व पिशाचों से घिरे रहते हैं। उनका रूप बड़ा अजीब है। शरीर पर मसानों की भस्म, गले में सर्पो का हार, कंठ में विष, जटाओं में जगत-तारिणी पावन गंगा तथा माथे में ज्वाला है। बैल को वाहन के रूप में स्वीकार करने वाले शिव अमंगल रूप होने पर भी भक्तों का मंगल करते हैं।