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अब शादियों में मनमर्जी से नहीं उड़ेंगी दावतें

जागरण संवाददाता, जम्मू : अब शादी समारोह में करोड़ों रुपये व्यर्थ नहीं उड़ाए जा सकते। सरकार ने मेहमानो

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 06:38 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 06:38 PM (IST)
अब शादियों में मनमर्जी से नहीं उड़ेंगी दावतें

जागरण संवाददाता, जम्मू : अब शादी समारोह में करोड़ों रुपये व्यर्थ नहीं उड़ाए जा सकते। सरकार ने मेहमानों से लेकर समारोह में परोसे जाने वाले व्यंजनों की संख्या तक सीमित कर दी है। यही नहीं, शादी समारोहों में अब कान फोड़ने वाले डीजे नहीं बजेंगे और आतिशबाजी पर भी पाबंदी रहेगी। सरकार का यह आदेश पहली अप्रैल से लागू होगा। राज्य सरकार ने यह कदम शादी समारोहों में खाद्य पदार्थो की बर्बादी व दिखावा रोकने के लिए उठाया है।

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खाद्य, जन-वितरण व उपभोक्ता मामलों के आदेश के अनुसार अब अगर किसी के घर शादी है तो वह निमंत्रण कार्ड के साथ मिठाई या मेवों के डिब्बे नहीं बांट सकता। लड़के की शादी में 400 से अधिक मेहमान आमंत्रित नहीं किए जा सकते और लड़की की शादी में मेहमानों की संख्या 500 से अधिक नहीं होनी चाहिए। शगुन, जन्मदिन या अन्य कोई छोटा समारोह है तो उसमें 100 से अधिक मेहमान बुलाने पर सरकारी कार्रवाई होगी।

शादी समारोह में मेहमानों को सात सब्जियों से अधिक नहीं परोसी जा सकती, चाहे वो शाकाहारी हो या मांसाहारी। दो से अधिक मिष्ठान नहीं दे सकते। अगर समारोह में खाने-पीने के लिए प्लास्टिक सामग्री का इस्तेमाल हुआ तो समारोह खत्म होने के बाद इसका उचित निपटारा करना होगा, अन्यथा कार्रवाई होगी। ऐसे समारोहों में डीजे बजाने व आतिशबाजी करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा।

यह जानकारी राज्य के खाद्य, जन-वितरण व उपभोक्ता मामलों के मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी। मंत्री ने कहा कि यह आदेश पहली अप्रैल से लागू होगा और सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर को आदेश का पालन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जुल्फिकार ने कहा कि उनकी सरकार आगामी विधानसभा सत्र में इस संदर्भ में एक बिल लाएगी, ताकि कानून बनाया जा सके। इन नियमों का उल्लंघन करने पर कानून के तहत कार्रवाई होगी।

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कांग्रेस सांसद ने भी लाया था बिल :

हाल ही में बिहार से कांग्रेस के सांसद रंजीत रंजन ने भी शादियों में खाने की बर्बादी रोकने और विवाह का पंजीकरण कानूनी रूप से अनिवार्य करने का एक निजी विधेयक लोकसभा में पेश करने का प्रस्ताव रखा था। इसे कानून मंत्रालय ने मंजूरी के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेज रखा है।

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