कश्मीर में सर्जरी, जम्मू में सियासत
रोहित जंडियाल, जम्मू राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में कश्मीर हमेशा से ही जम्मू से आगे रहा है। इस
रोहित जंडियाल, जम्मू
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में कश्मीर हमेशा से ही जम्मू से आगे रहा है। इस दिशा में कश्मीर ने एक और उपलब्धि हासिल की है। कश्मीर में कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो गई है। जम्मू में इस पर अभी भी सियासत जारी है। यहां मेडिकल कॉलेज में आई बैंक तो है, लेकिन उपकरणों और इच्छाशक्ति के अभाव में यह बंद पड़ा है।
राज्य में मेडिकल कॉलेज जम्मू में नब्बे के दशक में आई बैंक था, लेकिन कुछ समय बाद यह बंद हो गया था। इसका कारण जम्मू-कश्मीर में आर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट का लागू न होना था। सरकार ने न तो इस एक्ट को लागू किया और न ही आई बैंक स्थापित करने के लिए कोई प्रयास किए। राज्य में हजारों लोगों की आंखों में रोशनी नहीं है। कुछ वर्ष पहले राज्य में आई बैंक स्थापित करने को लेकर जनहित याचिका दायर हुई। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद जम्मू और श्रीनगर में मेडिकल कॉलेजों में आई बैंक स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। अच्छी बात यह है कि वर्ष 2014 में आई बाढ़ में निर्माणाधीन बैंक क्षतिग्रस्त होने के बावजूद श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में आई बैंक स्थापित हो गया और पहले ही दिन तीन मरीजों में कार्निया ट्रांसप्लांट भी हो गया। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस नई दिल्ली से विशेषज्ञ डॉक्टर भी इसमें अपनी सेवाएं देने के लिए आए थे। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. नजीर चौधरी का कहना है कि प्रयास है कि जरूरतमंदों को नियमित तौर पर लाभ मिल सके। विडंबना यह है कि जम्मू मेडिकल कॉलेज में अभी तक आई बैंक के बारे में कुछ भी नहीं हुआ। इस पर अभी तक सियासत हो रही है। मेडिकल कॉलेज के आप्थालमिक विभाग के विभागीय प्रमुख सहित किसी को अभी यह पता नहीं है कि यहां पर कब आई बैंक स्थापित होगा और कब कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा होगी।
जल्दी आई बैंक होगा
स्वास्थ्य मंत्री बाली भगत का कहना है कि आई बैंक न होने और आर्गन डोनेट करने का प्रावधान न होने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा। उम्मीद है कि जम्मू में जल्दी आई बैंक होगा।
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66448 लोग नेत्रहीन
राज्य में साल 2011 की जनगणना के अनुसार 66448 लोग नेत्रहीन हैं। इनमें से कई लोग ऐसे हैं जिनमें कार्निया ट्रांसप्लांट से रोशनी आ सकती है लेकिन जम्मू में यह सुविधा न होने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
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फंड के बावजूद सुविधा नहीं
राज्य सरकार के अनुसार जीएमसी में आई बैंक स्थापित करने के लिए 130.95 लाख रुपये की आवश्यकता है और चार अगस्त 2016 को 89.70 लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं। शेष राशि वित्तीय वर्ष 2016-17 में जारी की गई।
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एकमात्र विशेषज्ञ डाक्टर को नौकरी नहीं
जम्मू में आई बैंक स्थापित करने को लेकर राज्य सरकार कितनी गंभीर है, यह इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि कार्निया ट्रांसप्लांट में विशेषज्ञ डा. सुरुचि गुप्ता को आज तक स्थायी रोजगार नहीं मिल पाया है। पीजीआई चंडीगढ़ से दो सौ कार्निया ट्रांसप्लांट करने वाली इस डाक्टर को अमेरिका से फेलोशिप भी मिली है लेकिन स्थानीय राजनीति के चलते उसे जीएमसी में नियुक्त करने पर विचार भी नहीं किया जा रहा।