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श्वेतपत्र से विस्थापितों की अनदेखी को उजागर किया

जागरण संवाददाता, जम्मू : गुलाम कश्मीर के विस्थापितों की संस्था एसओएस इंटरनेशनल ने विस्थापितों के साथ

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 01:01 AM (IST)
श्वेतपत्र से विस्थापितों की अनदेखी को उजागर किया
श्वेतपत्र से विस्थापितों की अनदेखी को उजागर किया

जागरण संवाददाता, जम्मू : गुलाम कश्मीर के विस्थापितों की संस्था एसओएस इंटरनेशनल ने विस्थापितों के साथ अनदेखी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए श्वेतपत्र जारी किए हैं। यह एक लाख पत्र छपेंगे और जनजागरण के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।

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इसमें कश्मीरी शरणार्थियों और गुलाम कश्मीर के विस्थापितों को मिल रही राहत का तुलनात्मक विवरण होगा। रविवार को रेहाड़ी स्थित बेबी केर्टस में प्रदेश अध्यक्ष राजीव चुन्नी ने कहा कि विस्थापित लोगों ने 1947 का कष्टमय दौर भुगता है। हमारे लोगों ने अपनी जानें गंवाई, घर संपत्ति गुलाम कश्मीर में रह गई। आज यह लोग अपने घरों को नहीं जा सकते। सत्तर साल से अपने पैरों पर खड़ा होने का प्रयास कर रहे हैं, मगर सरकार की अनदेखी हमेशा आगे आई। मगर दूसरी ओर कुछ ही साल कश्मीर से पलायन कर यहां आए कश्मीरी पंडित आज नकद राहत और राशन सरकार से पा रहे हैं। सरकार से नौकरियां ले रहे हैं। यह कश्मीरी पंडित कश्मीर में अपने घर आ जा सकते हैं और कश्मीर स्थित अपनी संपत्ति का रखरखाव कर सकते हैं। मगर सरकार को उनका ही दुख नजर आया।

राजीव चुन्नी ने कहा कि जो लोग 70 साल से दरबदर हो रहे हैं, उनके बारे में सरकार ने आज तक कुछ नही सोचा। प्रधानमंत्री ने विस्थापितों को जो पैकेज दिया वो एसओएस की 67 साल की मेहनत का नतीजा था कि सरकार को मजबूर होना पड़ा। जम्मू-कश्मीर की सरकारों की अपनी कोई मंशा नहीं थी कि विस्थापितों को राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह विभिन्न सरकारों ने विस्थापितों के साथ अनदेखी की है, उसका विस्थापितों ने कड़ा संज्ञान लिया है। आने वाले चुनावों में इन पार्टियों को सबक सिखाया जाएगा।

इस मौके पर प्रो. जेएस मंगल ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि विस्थापितों के बच्चों को प्रोफेशनल कॉलेजों में कोटा मिलेगा। वहीं, नौकरियों में इन बच्चों को वरियता दी जाएगी। मगर आज भी इन वादों को पूरा नहीं किया गया है। मौके पर वीके दत्ता, तेवेन्द्र सिंह, एनएन शर्मा व गुरुदेव सिंह ने भी अपने विचार रखे।


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