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किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एकजुट हो प्रयास

जागरण संवाददाता, जम्मू : 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए विशेषज्ञों ने अपने अपने तर्क

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 01:38 AM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 01:38 AM (IST)
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एकजुट हो प्रयास

जागरण संवाददाता, जम्मू : 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए विशेषज्ञों ने अपने अपने तर्क दिए। सबने कहा कि राज्य में किसानों का विकास तभी होगा जब सभी एजेंसियां तालमेल से करेंगी। खेती की लागत खर्च कम करने, बिचौलियों से किसानों को बचाने, पारंपरिक उत्पाद का प्रचार करने पर जोर दिया गया।

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राज्य में 14.5 लाख किसान परिवार हैं। इसमें 83 फीसद किसान छोटे हैं जिनके पास बहुत ज्यादा जमीन नही। इनके अनुरूप योजनाएं बनाई जानी चाहिए।

जम्मू कश्मीर किसान सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन दलजीत सिंह चिब ने कहा कि सबसे बड़ी दिक्कत किसानों को मार्केट नही मिलना है। पिछले समय आलू का उत्पादन करने वाले किसानों को जिस कदर निम्न दर पर आलू बेचने पड़े, से सारी कहानी सामने आ जाती है। चिब ने कहा कि जम्मू कश्मीर में किसानों के लिए मार्केट मुहैया करानी होगी। 2022 तक किसानों की आय बढ़ाने में कृषि वैज्ञानिक व बैंक अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्नत किसानों से अन्य किसानों को सीखने की जरूरत है।

वहीं शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के वाइस चांसलर प्रो. प्रदीप शर्मा ने कहा कि महज उत्पादन बढ़ाने से किसानों की आय दोगुनी नहीं होगी। इसके लिए प्राथमिकता तय करनी होगी। उन्होंने कांगड़ा की चाय का उदाहरण दिया जोकि खत्म ही हो गई थी। मगर इस चाय को आर्गेनिक कर चाय की अहमियत और बढ़ा दी गई तो चाय की मांग बढ़ गई। ऐसे ही उपाय जम्मू कश्मीर में किए जाने चाहिए। पारंपरिक उत्पादकों का बढ़चढ़ कर प्रचार होना चाहिए। हमें सोचना होगा कि किस किस क्षेत्र में क्या क्या पैदा हो सकता है।

वहीं कृषि उत्पादन विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा ने युवाओं का रूझान खेती की तरफ लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में भी युवा किसानों की संख्या कम हैं जोकि वर्तमान में युवाओं के रूझान को दर्शाती है। वर्मा ने कहा कि अभी राज्य में कृषि नीति बनी नहीं है। ऐसे में वो सारी बातें जिससे किसान का भला होता हो, का समावेश कृषि नीति में कराया जाना चाहिए।

कृषि विभाग के निदेशक अशोक कुमार मल्होत्रा ने कहा कि खेती में कास्ट आफ कल्टीवेशन कम करने के लिए सोलर पंप, ड्रिप इरीगेशन से खेती के सुझाव दिए। बीज बदलने के क्रम में हमें राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात कही। वहीं कहा कि किसानों के लिए स्थायी मंडियां हों। किसानों को कांटेक्ट फार्मिग को अपनाना होगा।

मंच का संचालन अश्विनी जोजरा ने किया और बाद में उनको स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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किसानों ने सुनाई सफलता की गाथा

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आयोजित कार्यशाला में कृषि विशेषज्ञों ने खुलकर किसानों से बातचीत की। वहीं उन्नत किसानों ने भी अपनी सफलता की गाथा विशेषज्ञों को सुनाई।

अपीडा एजेंसी के सीनियर वैज्ञानिक रीतेश शर्मा ने किसानों को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि उत्पाद तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने विश्व भर की मार्केट का बारीकी से किसानों को ज्ञान दिया। इस मौके पर उन्नत किसान रामजी शर्मा, टूंडा सिंह, कुलभूषण खजूरिया, तेजेन्द्र सिंह, बासमती ग्रोअर्स एसोसिएशन के प्रधान देवराज चौधरी, राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि किस तरह से उन्होंने अपनी खेती को मुकाम पर पहुंचाया।


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