पंचायतों को मिले संवैधानिक दर्जा
जागरण संवाददाता, जम्मू : ऑल जम्मू-कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की
जागरण संवाददाता, जम्मू : ऑल जम्मू-कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की वकालत की है, जिससे पंचायत तंत्र मजबूत हो सके। बहरहाल पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों ने पंच द्वारा सरपंच चुनने के सरकार के फैसले की निंदा करते हुए इसे अलोकतांत्रिक करारा दिया।
सोमवार को प्रेस क्लब में आयोजित एक दिवसीय पंचायत अधिवेशन में राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों ने विचार रखे। पंचायत अधिवेशन की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई और बाद में राष्ट्रगान भी गाया गया। पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि पंचायतों को संवैधानिक दर्जा देने से राज्य में अलग से चुनाव आयोग गठित होगा, जोकि पंचायतों के मामलों को देखेगा। वहीं, वित्त आयोग भी गठित हो जाएगा जिससे पंचायतों का सीधा संपर्क केंद्र सरकार से हो जाएगा। इसके साथ संवैधानिक दर्जा मिलने से स्वयं ही पंचायतों में 73वां संशोधन भी लागू हो जाएगा। अनिल शर्मा ने कहा कि पंचों द्वारा सरपंच चुनने के सरकार के अलोकतांत्रिक फैसले के खिलाफ जागरूक अभियान में तेजी लाई गई है। वहीं, उन्होंने मांग की कि जन्म-मृत्यु, जाति, शादी, आय, चरित्र प्रमाणपत्र बनाने का अधिकार भी पंचायतों के हवाले किया जाए।
कश्मीर के बडगाम से आए कांफ्रेंस के सदस्य इम्तियाज अफजल ने कहा कि कश्मीर के पूर्व पंच-सरपंच हक पाने के लिए एकजुट हैं। वहीं, कुपवाड़ा से आए गुलाम हसन पेंजू ने कहा कि सरकार शहीद हुए पंच, सरपंचों के परिजनों को मुआवजा दिलाने के साथ पूर्व पंच, सरपंचों को सुरक्षा प्रदान करे। पंचायत कांफ्रेंस के चेयरमैन शफीक मीर ने कहा कि घाटी में मारे गए पंच-सरपंचों के हत्यारों की शिनाख्त कर दंडित किया जाए। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रवाद का झंडा बुलंद करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों पर आतंकवादियों ने हमले किए थे। आज भी प्रतिनिधि असुरक्षित माहौल में रह रहे हैं। सरकार को इनके बारे में सोचना होगा। वहीं, गौतम सिंह जम्वाल ने प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया। इससे पहले एक मिनट का मौन रखकर शहीद हुए पंच-सरपंचों को श्रद्धांजलि भी दी गई।