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कश्मीर मसले का हल अब नहीं तो कभी नहीं

राज्य ब्यूरो, जम्मू : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर मसले का समाधान अगर अब नहीं तो फि

By Edited By: Published: Mon, 29 Aug 2016 01:27 AM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2016 01:27 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, जम्मू : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर मसले का समाधान अगर अब नहीं तो फिर कभी नहीं होगा। क्योंकि केंद्र में मोदी की शक्तिशाली सरकार है। जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में रविवार को जम्मू-कश्मीर में उजाला योजना को लांच करते हुए मुख्यमंत्री संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अगर जम्मू कश्मीर में खूनखराबा समाप्त करना है तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीति अपनानी पड़ेगी। वाजपेयी के संबंध सुधारने की कोशिश के बाद कारगिल हो गया। उस वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल मुशर्रफ को यह एहसास करवाया गया कि सीमाएं नहीं बदल सकती अलबत्ता सीमाओं को आप्रासंगिक बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के प्रति दोस्ती का हाथ बढ़ाते लाहौर भी गए लेकिन उसके बाद पठानकोट हमला हो गया। पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए महबूबा ने कहा कि पड़ोसी मुल्क का रवैया ठीक नहीं रहा। कश्मीर में लोग सड़कों पर आए। पाकिस्तान ने जिस तरह का रवैया दिखाया उससे यह लगा कि उसका मकसद बातचीत वाला नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बातचीत के प्रयास जारी रहेंगे। आखिरकार पाकिस्तान को बातचीत के रास्ते पर आना पड़ेगा क्योंकि इसके सिवाए कोई चारा भी नहीं हैं।

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आजादी किसे समझते हैं

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे नहीं मालूम आजादी किसे समझते हैं, किस आजादी की बात की जा रही है। कश्मीर में ¨हसा में बच्चे अंधे हो रहे हैं, अपाहिज हो रहे हैं। किस किस्म की आजादी चाहते हैं। कश्मीर में दुकानदार दुकानें नहीं खोल पा रहे, बच्चे पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं जा पा रहे, उन्हें किसका डर है, सुरक्षा बलों का या पुलिस का। छोटे-छोटे बच्चे पथराव क्यों करते हैं, उनके पीछे क्या ताकते हैं।

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विशेष दर्जे पर राजनीति की गई

म ख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहाकि मैंने कई बार यह विधानसभा के अंदर व बाहर स्पष्ट किया है कि देश के ताज जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी, लेकिन इस पर भी राजनीति की गई। उमर अब्दुल्ला का नाम लिए बिना महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बड़े नेता ने वेब साइट पर फोटो डाल दी कि कश्मीर में सैनिक कॉलोनी बन रही है। जम्मू कश्मीर देश में अलग किस्म का राज्य है। इसे विशेष दर्जा भी हासिल है।

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..एक आंख देने के लिए तैयार हूं

अगर ईशा की आंखें वापस आ सकती हैं तो मैं उसके लिए एक आंख देने के लिए तैयार हूं। भावुक होते हुए महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर ¨हसा में गंभीर रूप से घायल हुई चौदह वर्षीय बच्ची को देख कर मेरा दिल दहल गया। यह क्या मेरा कसूर है। क्या हमारी सरकार ने कोई गलत काम किया। लड़की डॉक्टर बनना चाहती है। इस हालात का शिकार हो गई। मैंने डॉक्टरों से कहा है कि वह बच्ची का इलाज विश्व में कहीं भी करवाएं ताकि वह ठीक हो जाए। मैंने अमेरिका में अपनी बहन से भी बात की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जब दिल्ली में अस्पताल में पुलिस कर्मी व सीआरपीएफ के जवान को देखा तो सन्न रह गई। ग्रेनेड हमले में घायल जवान को देखकर किसी भी इंसान का दिल दहल जाता है। उनका क्या कसूर है। वे तो अपनी ड्यूटी दे रहे थे।

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¨हसा से किसी मसले का समाधान नहीं

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ¨हसा से किसी मसले का समाधान नहीं हो सकता। जो मसला सत्तर वर्ष से चल रहा है वो शीघ्र हल नहीं हो सकता। कश्मीर में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए उन्होंने कहा हमें यह सोचना होगा कि कही हम बच्चों को पथराव के रास्ते पर ले जाकर सीरिया, अफगानिस्तान या लेबनान की आजादी की तरफ तो नहीं बढ़ रहे है। वहां पर ऐसा समय आ गया है कि कोई भी देश अब इन शरनार्थियों को शरण नही दे रहा है। बच्चों को ¨हसा छोड़नी चाहिए।

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इन बच्चों का क्या कसूर

यही वही बच्चे हैं जो मेरे साथ साथ चलते थे। महबूबा ने भावुक होते हुए कहा कि कश्मीर के गांवों में जब किसी के साथ बेइंसाफी होती थी या मौत होती थी तो वहां पर जाती थी। तब यह बच्चे मेरे साथ होते थे। उस समय मेरे पर इल्जाम लगते थे कि मैं आतंकवादियों के साथ मिली हुई हूं।

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सर्वदल य प्रतिनिधिमंडल आ रहा

महबूबा ने प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आ रहा है। बातचीत भी होगी। मैं चाहती हूं कि बातचीत औपचारिकता न बन जाए, ऐसे लोग बातचीत करे जो कश्मीर को लेकर गंभीर हो।


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