वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित हो सोच : मधु परमहंस
जागरण संवाददाता, जम्मू : साहिब बंदगी के सद्गुरु मधु परमहंस ने अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा से संगत को
जागरण संवाददाता, जम्मू : साहिब बंदगी के सद्गुरु मधु परमहंस ने अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा से संगत को निहाल किया। उन्होंने कहा कि हम वैज्ञानिक युग में जी रहे है, पर उसकी स्वीकृति नहीं दे रहे है।
उसके माध्यम से बड़े काम करते है। हम स्थूल से निकल कर उसमें प्रवेश करते है फिर वापस भी आ जाते है। जीवन में कई बार हम उस अवस्था में जाते है, पर हमें इसकी जानकारी नहीं होती है। स्वप्न देखते समय सभी को सगा लगता है। विविध लोकों में भ्रमण करते है। वो शरीर नित्य लगता है। उसकी सभी चीजें सत्य लगती है। कभी-कभी हम देखते है कि जो स्वप्न हमने एक दिन छोड़ा था, वहीं से अगले दिन हमारा स्वप्न शुरू होता है। कभी-कभी स्वप्न में बार-बार एक ही लोक देखते है। एक ही तरह की चीजें देखते है। यानी यह भी साधारण नहीं है। पूर्व जन्म की कहानी भी आपको स्वप्न में दिखाई देती है। यह स्वप्न लोक अनूठा है। इस पर सोच-विचार हुआ, पर कोई समझ नहीं सका।
उन्होंने कहा कि इंसान लगातार ऐसे ग्रह की खोज कर रहा है, जहां वो धरती के मिटने पर सुरक्षित रह सके। धरती की एक बड़ी बहन भी खोज ली गई है, जहां पानी भी मिला है। पर जिन रुहानी मंडलों की खोज महापुरुषों ने की, विज्ञान कभी वहां नहीं पहुंच पाएगा। उसके पास वहां तक जाने का सिस्टम नहीं है, वहां तक देख पाने के यंत्र नहीं है।
सत्संग में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सत्संग के बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया।