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दगा देने लगी बिजली

जागरण संवाददाता, जम्मू : सरकार व बिजली विभाग के लाख दावों के विपरीत पारा 42 डिग्री सेल्सियस के पार ह

By Edited By: Published: Tue, 03 May 2016 01:04 AM (IST)Updated: Tue, 03 May 2016 01:04 AM (IST)
दगा देने लगी बिजली

जागरण संवाददाता, जम्मू : सरकार व बिजली विभाग के लाख दावों के विपरीत पारा 42 डिग्री सेल्सियस के पार होते ही बिजली भी लोगों को दगा देने लगी है। शहर व आसपास के इलाकों में सोमवार को तकरीबन हर आधे घटे पर बिजली कट लगने से सूरज की तपिश से बेहाल लोगों को घरों में बैठने पर भी राहत नहीं मिली। वहीं, कई इलाकों में सुबह से शाम तक बिजली गुल रहने से पानी की सप्लाई भी प्रभावित रही।

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बढ़ते तापमान ने एक बार फिर बिजली विभाग की पोल खोलकर रख दी है। लोकल फाल्ट पर नियंत्रण न रहने से शहर के विभिन्न इलाकों मे चौबीसों घटे बिजली का आना-जाना लगा रहता है। इसका सीधा असर शहर में पेयजल सप्लाई पर भी पड़ रहा है। सोमवार को पूरा शहर बिजली-पानी के लिए हलकान नजर आया। दोपहर 12 बजे के बाद तापमान में वृद्धि के साथ ही एकाएक बिजली की इतनी खपत बढ़ रही है कि अधिकतर ट्रासफार्मर ओवर लोड होने लगते हैं। ऐसे में बिजली विभाग के सिस्टम ने एक बार फिर जवाब देना शुरू कर दिया है। सिस्टम को नुकसान न पहुंचे इसके लिए बिजली विभाग ने ट्रिपिंग के नाम पर कटौती करना शुरू कर दी है।

जुल्लाका मुहल्ला निवासी अविनाश कुमार ने कहा कि अभी मई में गर्मी की शुरुआत में बिजली-पानी की यह स्थिति है तो जून-जुलाई में क्या हाल होगा यह सोचकर पसीने छूट जाते हैं। इसके अलावा शहर के कई इलाकों में आरएपीडीआरपी के तहत ट्रासमिशन नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए चल रहे कार्य के कारण भी कई इलाकों में छह से नौ घटे तक के लंबे समय तक बिजली गुल रही।

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राज्य में दोगुनी हुई बिजली खपत

पिछले डेढ़ दशक के दौरान जम्मू-कश्मीर में बिजली खपत में दोगुनी वृद्धि तो दर्ज की गई है, परंतु उसके मुकाबले ढांचागत सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया है। यही वजह है कि आज केंद्र प्रायोजित योजनाओं के साथ एक हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने के बाद भी लोगों को बेहतर बिजली सप्लाई नहीं मिल पा रही है। वर्ष 2001-2002 में जहां जम्मू-कश्मीर में बिजली खपत 552.66 किलोवाट प्रतिघंटा थी, मौजूदा वर्ष में 1000.04 किलोवाट प्रतिघंटा पहुंच गई है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक सप्ताह के दौरान राज्य में बिजली खपत करीब 1200 किलोवाट प्रतिघंटा पहुंच गया है। यही कारण है कि उपभोक्ताओं को गर्मियों में घोषित-अघोषित कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

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अवैध कनेक्शनों ने 5200

मेगावाट पहुंचाया लोड

राज्य में रजिस्टर लोड करीब 2500 मेगावाट के करीब है, परंतु अवैध बिजली चोरी व दुरुपयोग के कारण यह लोड बढ़कर 5200 मेगावाट के करीब पहुंच गया है। यही वजह है कि राज्य में ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन नुकसान 47.26 प्रतिशत पहुंच गए हैं। पिछले दो सालों के दौरान ट्रासफार्मर जलने के मामलों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।

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इन इलाकों में प्रभावित रही बिजली

कृष्णा नगर, डोगरा मोहल्ला, साइंस कालेज, शिव मंदिर, कामर्स कालेज, चांद नगर, अभिनव थियेटर, पटेल नगर, शक्ति नगर, मोहेंद्र नगर, इंदिरा थियेटर, कर्ण नगर, काली मंदिर, अम्बफला, उस्ताद मोहल्ला, हरि सिंह पेलेस, पीरखोह मंदिर, प्रेम नगर व उसके साथ लगते इलाकों में सोमवार दिनभर में पांच घंटे बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। इसके अलावा प्रेम नगर, टाली मोड़, पीरबाबा, न्यू प्लाट, सरवाल, तवी विहार, सिद्धड़ा, न्यू रिहाड़ी, पीडब्ल्यूडी क्वाटर, जेडीए पार्क, प्रेम नगर, क्रिश्चियन कालोनी, कासिम नगर, अशोक लाइन, शिव मंदिर, उदयवाला, अकलपुर, जीएमसी, बख्शी नगर, तालाब तिल्लो, बोहड़ी, हजूरी बाग, आनंद विहार, कमला पेलेस, भरत नगर, कबीर कॉलोनी, लकड़ मंडी, भगवानी नगर, जानीपुर कॉलोनी, रामलीला पार्क, त्रिमूर्ति मंदिर, शिवालिक पूरम, पीएचई कांप्लेक्स, शिव नगर, भवानी नगर, रूपनगर, चिनोर, केरन, विकास नगर व उसके साथ लगते इलाकों में सुबह 9 बजे बंद हुई बिजली शाम छह बजे बहाल हुई। ऐसे में उक्त इलाकों में पानी की सप्लाई भी नहीं हो पाई।

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ओवर लोड फीडरों की जांच के निर्देश

तापमान बढ़ते ही राज्य में बिजली की मांग जोर पकड़ना शुरू हो जाती है। ऐसे समय में बिजली का दुरुपयोग भी बढ़ जाता है, जो सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे के बीच तथा उसके उपरांत सात बजे के बाद एसी, कूलर आदि लगने से खपत बढ़ जाती है। यदि लोग जरूरत अनुसार बिजली का इस्तेमाल करें तो उन्हें कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि ओवर लोड फीडरों की जांच के लिए सभी डिवीजन इंचार्ज को कमेटियां गठित कर छापामारी के निर्देश भी दे दिए गए हैं। बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- अश्विनी गुप्ता

चीफ इंजीनियर पीडीडी

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