कश्मीर विवि तक पहुंची अफजल मामले की आंच
-कक्षाओं का बहिष्कार, जम्मू में छात्र संगठन देश विरोधियों पर भड़के --------------------- संवाद सह
-कक्षाओं का बहिष्कार, जम्मू में छात्र संगठन देश विरोधियों पर भड़के
---------------------
संवाद सहयोगी, श्रीनगर : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु के मामले पर उपजे विवाद की आंच कश्मीर विश्वविद्यालय में भी पहुंच गई है। शनिवार को कश्मीर विवि केछात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया।
कश्मीर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (कुसू) के बैनर तले छात्रों ने जेएनयू में अफजल का समर्थन करने वाले छात्रों, बुद्धजीवियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं को डराने धमकाने तथा उनके खिलाफ मामले दर्ज करने का जबरदस्त विरोध किया। कुसू ने कहा कि ऐसा कर केंद्र हर उस आवाज को दबाना चाहता है जो कश्मीरियों की आजादी के समर्थन में उठती है। कुसू ने कहा कि केंद्र कितनी भी कोशिश करे, कश्मीरियों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है।
------------------------
देश विरोधियों को सख्ती से निपटा जाए
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारेबाजी करने वालों के खिलाफ जम्मू में छात्र संगठन भड़क उठे हैं। छात्र संगठनों का मानना है कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का एक केंद्र होता है, वहां पर राजनीतिक मुद्दे तो ठीक हैं लेकिन देश विरोधी नारे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जम्मू महानगर के संयुक्त सचिव दीपक कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के वीसी को देश विरोधी नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे तत्वों को सख्ती से निपटते हुए बर्खास्त कर देना चाहिए। विवि में विद्यार्थी पढ़ाई के लिए आते हैं या देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए। नेशनल स्टूडेंट यूनियन के प्रदेश प्रधान नीरज कुंदन का कहना है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट फेडरेशन के प्रधान कन्हैया को गिरफ्तार करना गलत है। उसकी देश विरोधी नारों में कोई भूमिका नहीं है। नीरज ने आरोप लगाया कि रोहित वेमूला का मामला उठाने पर कन्हैया के खिलाफ कार्रवाई की है। नेशनल पैंथर्स स्टूडेंट यूनियन के प्रधान वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि विवि में लोकतांत्रिक ढंग से आम मुद्दों को तो उठाया जा सकता है। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को सहन नहीं किया जा सकता।