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..ताकि धड़कती रहे मासूम की धड़कनें

राज्य ब्यूरो, जम्मू : हृदय रोग एक उम्र के बाद ही होते हैं, लेकिन कुछ बच्चे जन्म से ही हृदय रोग से

By Edited By: Published: Sun, 14 Feb 2016 02:54 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 02:54 AM (IST)
..ताकि धड़कती रहे मासूम की धड़कनें

राज्य ब्यूरो, जम्मू : हृदय रोग एक उम्र के बाद ही होते हैं, लेकिन कुछ बच्चे जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित होते हैं। ऐसे बच्चों की संख्या काफी है जिनके दिलों की धड़कन धड़कने से पहले ही बंद हो जाती है। हालांकि जम्मू में इस रोग के इलाज के लिए कोई विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। कुछ वषरें में जीएमसी के डॉक्टरों ने हृदय रोग को लेकर जागरूकता अभियान चलाया है, लेकिन इलाज की व्यवस्था न होने के कारण हृदय रोग के साथ ही जन्म लेने वाले बच्चों को लेकर लोग अधिक जागरूक नहीं है। राज्य में ऐसे बच्चों की संख्या के बारे में भी कोई भी जानकारी नहीं है। अनुमान अनुसार पैदा होने वाले हर एक हजार बच्चों में ऐसे दस हैं जो हृदय रोग से पीड़ित होते हैं। जम्मू-कश्मीर में नवजात बच्चों की मौत का भी यह एक कारण यह बीमारी भी है। जम्मू पहुंचे मेदांता अस्पताल के पेडियाट्रिक कार्डियालोजिस्ट डॉ. अमित मिश्री का कहना है कि बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो कि जन्म के बाद स्वस्थ्य नजर आते हैं लेकिन कई बार उनमें भी हृदय संबंधी कोई न कोई समस्या होती है। अगर उनका समय पर डायाग्नोसिस हो जाए तो इलाज भी संभव है। ऐसे बच्चों का इलाज जितनी जल्दी हो जाए, उतना ही उनके ठीक होने की संभावना रहती है। डॉ. मिश्री के अनुसार जिन बच्चों में जन्म से ही हृदय समस्या होती है, उनका वजन भी सही नहीं बढ़ता। वह सही तरीके से खेल भी नहीं पाते हैं। ऐसे लक्षण होने पर तुरंत पेडियाट्रिक कार्डियालोजिस्ट से जांच करवानी चाहिए। यही नहीं बच्चों में जन्म से हृदय रोग न हो, इसके लिए यह जरूरी है कि मधुमेह न हो और गर्भवती महिला धूम्रपान न करें। मोटापे से भी बचना चाहिए।

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नीला पड़े शरीर तो कराएं जांच

अगर बच्चे का शरीर नीला पड़ना शुरू हो जाए तो उसमें हृदय रोग की आशंका रहती है। बच्चा जितनी जल्दी नीला होना शुरू हो जाए, उसमें उतनी ही हृदय की गंभीर बीमारी होती है। इसमें बच्चे को सांस लेने में समस्या आती है। बच्चे को तुरंत इलाज करवाना चाहिए।

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बार-बार इंफेक्शन भी समस्या

अगर बच्चे की छाती में बार-बार इंफेक्शन हो जाए तो भी उसमें हृदय रोग की आशंका रहती है। अगर नवजात बच्चा स्तनपान करने में सक्षम नहीं हैं या फिर स्तनपान करने के दौरान उसे पसीना आ जाता है तो भी उसे जन्म से ही हृदय रोग होने की आशंका रहती है। ऐसे में भी उसका चैकअप जरूर करवा लेना चाहिए।


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