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आरक्षण के लिए प्रतिनिधियों से मिल रहे संगठन

जागरण संवाददाता, जम्मू : पदोन्नति में आरक्षण पर लगी उच्च न्यायालय की रोक को लागू होने से रोकने का दब

By Edited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2015 01:02 AM (IST)

जागरण संवाददाता, जम्मू : पदोन्नति में आरक्षण पर लगी उच्च न्यायालय की रोक को लागू होने से रोकने का दबाव बनाने के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ी जाति वर्ग के संगठनों ने अपनी मुहिम तेज कर दी है। अब आरक्षित वर्ग के कोटे से चुने गए प्रतिनिधियों से संगठनों द्वारा मुलाकात कर ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं।

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पिछले एक सप्ताह के दौरान अनेकों शिष्टमंडल परिवहन मंत्री, सीएपीडी मंत्री, वन मंत्री, अनुसूचित जाति विकास बोर्ड के उप चेयरमैन के अलावा आरक्षित वर्ग के विधायकों से मिल चुके हैं।

ऑल जेएंडके एससी, एसटी, ओबीसी सभा कमेटी के प्रधान पीरां दित्ता ने बताया कि आरक्षित कोटे से बने चार विधायकों के पास उनका ज्ञापन जा चुका है। अब अगला कदम मुख्यमंत्री से मिलने का है, ताकि आरक्षण को बरकरार रखा जा सके।

वहीं जम्मू-कश्मीर एससी, एसटी इंप्लाइज कनफेडरेशन के सदस्य 6 दिसंबर को दिल्ली रवाना हो रहे हैं ताकि 7 दिसंबर को वहां होने वाली आरक्षण रैली में अपनी बात रख सकें। प्रदेशाध्यक्ष आरके कल्सोत्रा ने बताया कि पदोन्नति में आरक्षण पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाई है, मगर अभी केबिनेट निर्णय लेना है।

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तेज हो रही मुहिम

जम्मू : पदोन्नति में आरक्षण पर उच्च न्यायालय की रोक को लागू कराने के लिए सामान्य वर्ग के संगठन भी एकजुट होने लगे हैं। इसके लिए आगामी दिनों में सेमिनार, धरने-प्रदर्शन की योजना है। आरक्षण विरोधी मंच ने आरक्षण के विरोध में जम्मू विवि क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें दो सौ लोगों ने हस्ताक्षर कर आरक्षण का विरोध जताया है। आरक्षण विरोधी मंच के प्रधान रामपाल सेठ ने बताया कि दशकों से जाति आधारित आरक्षण जारी है। अब थमना चाहिए, ताकि सामान्य वर्ग के साथ इंसाफ हो सके। आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाए।

वहीं विनोद गुप्ता ने पदोन्नति में आरक्षण पर लगी उच्च न्यायालय की रोक सही कदम बताया है। सरकार को बिना देरी किए इसे लागू कराया जाना चाहिए।

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क्या कहते हैं प्रतिनिधि

पदोन्नति में आरक्षण जैसे पहले मिल रहा था, वैसे ही जारी रहना चाहिए। समाज में दलित व पिछड़े वर्ग को बराबरी पर लाने के लिए यह आरक्षण दिया गया है। इनके हितों की रक्षा की जानी चाहिए।

-गगन भगत, विधायक आरएसपुरा

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मामल के संबंध में सरकार से बात कर रहे हैं। आरक्षित वर्ग के कई संगठनों के प्रतिनिधि मंडल मिले हैं और उन्हें उनके हितों की रक्षा के लिए आश्वासन दिया है।

-भूषण डोगरा, उप चेयरमैन, अनुसूचित जाति विकास बोर्ड, जम्मू-कश्मीर


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