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बाबा अमरनाथ यात्रा संपन्न

राज्य ब्यूरो, जम्मू : खट्टे मीठे अनुभव के साथ बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा संपन्न हो गई। पिछले पांच

By Edited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 06:15 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 06:15 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, जम्मू : खट्टे मीठे अनुभव के साथ बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा संपन्न हो गई। पिछले पांच वर्षो से बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी ही नहीं आई बल्कि यात्रा का दायरा पिछले तीन वर्ष से साढ़े तीन लाख के इर्द-गिर्द सिमट गया है। इस वर्ष तीन लाख 52 हजार श्रद्धालु बाबा के द्वार पहुंचे, जबकि पिछले साल तीन लाख 73 हजार भक्तों ने दर्शन किए थे। इस बार यात्रा की अवधि भी 59 दिन की थी, लेकिन मौसम की मार, आतंकवाद का साये और पिछले वर्ष सितंबर माह में आई विनाशकारी बाढ़ का असर यात्रा पर दिखाई दिया। यात्रियों की संख्या पिछले वर्ष के आंकड़ों के पास भी नहीं पहुंच पाई।

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यात्रा एक महीने चलने के बाद लगातार श्रद्धालुओं की संख्या में कमी का सिलसिला शुरू हुआ। बालटाल, पहलगाम और गादंरबल में बादल फटने की घटनाएं हुई, जिसमें जानमाल का नुकसान हुआ। पंजाब के दीनानगर में आतंकवादी हमले के बाद गत दिनों ऊधमपुर जिला में आतंकवादी हमला हुआ। कश्मीर में पाकिस्तानी झंडे फहराने और पाकिस्तानी नारेबाजी की घटनाओं में वृद्धि हुई। ये सब ऐसी घटनाएं थीं, जिसे देखते हुए कई यात्रियों ने यात्रा को स्थगित करना ही बेहतर समझा। यात्रा पर गिरावट दूसरे महीने में दर्ज की गई। इसके पुख्ता प्रमाण उपलब्ध आंकड़ों से मिलते हैं। दो जुलाई से शुरू हुई यात्रा के पहले महीने में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और उसके बाद मात्र पचास हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कहने का मतलब यह है कि दूसरे महीने में श्रद्धालुओं की संख्या में अधिक कमी आई। एक महीने की यात्रा के बाद बाबा अमरनाथ लुप्त हो गए जिससे श्रद्धालु निराश हुए। यात्रा के दौरान श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई, लेकिन स्वास्थ्य प्रमाणपत्र को आवश्यक रूप से बनाने को लेकर बोर्ड ने कोई समझौता नहीं किया। पिछले वर्ष यात्रा की अवधि 44 दिन की थी, लेकिन इस बार 59 दिन की अवधि होने के बावजूद यात्रियों की संख्या कम हुई।

ढ़ाई लाख के करीब श्रद्धालुओं ने एडवांस पंजीकरण करवाया तो एक लाख से अधिक श्रद्धालु ऐसे थे, जिन्होंने जम्मू या श्रीनगर में करंट पंजीकरण करवाया। वर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी का असर यात्रा पर दिखाई दिया था।

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वर्ष यात्रा आंकड़े

2011 6.35 लाख

2012 6.21 लाख

2013 3.54 लाख

2014 3.73 लाख

2015 3.52 लाख

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