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बाढ़ प्रभावितों का पुनर्वास सरकार की प्राथमिकता

राज्य ब्यूरो, जम्मू : कानून, न्याय एवं संसदीय मामले तथा पुनर्वास मंत्री सैयद बशारत बुखारी ने कहा कि

By Edited By: Published: Mon, 30 Mar 2015 01:12 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 01:12 AM (IST)
बाढ़ प्रभावितों का पुनर्वास सरकार की प्राथमिकता

राज्य ब्यूरो, जम्मू : कानून, न्याय एवं संसदीय मामले तथा पुनर्वास मंत्री सैयद बशारत बुखारी ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों का पुनर्वास सरकार की प्राथमिकता है। सरकार इसके लिए वचनबद्ध है।

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रविवार को विभाग की ग्रांट पेश करने के बाद सवालों का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड और मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को सहायता देने के अलावा जिन लोगों के ढांचे गिर गए हैं, उनकी भी सहायता की जा रही है। यही नहीं जिन लोगों के मकान गिरे हैं, उनमें से 16 हजार 199 परिवारों को अब तक 118 करोड़ रुपये सहायता राशि दी जा चुकी है।

मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की वार्षिक योजना में भी स्थायी निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपयों की विशेष सहायता रखी गई है। यही नहीं विश्व बैंक ने भी क्षतिग्रस्त हुए ढांचे के निर्माण व लोगों को फिर से पांव पर खड़ा करने के लिए 1500 करोड़ रुपये देने पर सहमति जताई है। इसके लिए सरकार ने भी एक प्रोजेक्ट मोनीट¨रग यूनिट गठित किया है।

कश्मीरी विस्थापितों को सहायता देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार उनके पुनर्वास और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। उन्होंने पंडितों की घाटी वापसी के लिए सरकार की वचनबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत विस्थापित युवाओं के लिए घाटी में तीन हजार पद भी सृजित किए गए हैं।

मंत्री ने कहा कि कश्मीरी विस्थापितों की शिकायतों के समाधान के लिए सहायता एवं पुनर्वास विभाग के अतिरिक्त सचिव कार्यालय में शिकायत सेल का गठन किया जा रहा है।

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रिफ्यूजियों को समय-समय

पर दिए गए हैं पैकेज

जम्मू : मंत्री ने कहा कि साल 1947, 65 और 71 के रिफ्यूजियों को समय-समय पर पैकेज दिए गए हैं। उनके एकमुश्त समाधान के लिए नौ हजार करोड़ रुपयों का केंद्र को एक पैकेज सौंपा गया है। मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने की घोषणा की है जो कि उनके मुद्दों को देखेगी।

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प्राकृतिक आपदा में हो शामिल

जम्मू : मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्ताव रख रही है जिसमें भारी बर्फबारी, बारिश, सांप व जानवरों के काटने, स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू को एसडीआरएफ के तहत प्राकृतिक आपदा में शामिल किया जाए। अभी तक के नियमों के अनुसार भूकंप, बाढ़, तूफान, सूखा, आगजनी, बादल फटने, भूस्खलन, सुनामी को ही प्राकृतिक आपदा में शामिल किया गया है।

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न्यायिक अधिकारियों की

समस्याएं हल हों

जम्मू : कानून, न्याय एवं संसदीय मामलों पर मंत्री ने कहा कि समय पर न्याय दिलाने के लिए न्यायिक अधिकारियों की समस्याओं की भी पहचान कर उन्हें प्राथमिकता पर हल किया जाएगा। लोगों के उनके द्वार पर न्याय दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में लॉ कमीशन का गठन किया जा रहा है जो कि उन राज्य कानूनों की समीक्षा करेगा जिनकी अब जरूरत नहीं है या फिर जिनमें संशोधन की जरूरत है। यही लोगों को समय पर संशोधन दिलाने पर भी सुझाव दे।

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संशोधन कर होगी नियुक्ति

जम्मू : मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य जवाबदेही आयोग और मानवाधिकार आयोग में संशोधन कर इनके चेयरपर्सन व अन्य सदस्यों की नियुक्ति कर उन्हें क्रियाशील किया जाएगा।

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तीन गेस्ट हाउस

जम्मू : राज्य सरकार ने केंद्र को जम्मू, श्रीनगर व लद्दाख में तीन गेस्ट हाउस बनाने का प्रस्ताव भेजा है। यही नहीं कानून विभाग के रिकार्ड को डिजिटाइलेजेशन करने के लिए प्रस्ताव भेजा है।


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