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पीडीडी की इंप्लाइज वेलफेयर फंड में धांधली का आरोप

जागरण संवाददाता, जम्मू : बिजली विभाग के कर्मचारियों ने अधिकारियों पर उनकी बेहतरी के लिए वर्ष 2008

By Edited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 01:24 AM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 01:24 AM (IST)
पीडीडी की इंप्लाइज वेलफेयर फंड में धांधली का आरोप

जागरण संवाददाता, जम्मू : बिजली विभाग के कर्मचारियों ने अधिकारियों पर उनकी बेहतरी के लिए वर्ष 2008 में गठित किए इंप्लाइज वेलफेयर फंड में धांधली का आरोप लगाया है। जेएंडके सेंट्रल नान गजटेड इलेक्ट्रिकल इंप्लाइज यूनियन ने कमेटी की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि पिछले छह साल के दौरान योजना का लाभ कितने कर्मचारियों को दिया गया, कितनी राशि खर्च की गई, कितना बैंक खाते में जमा है, इसका लेखाजोखा न सार्वजनिक किया और न ही इसका आडिट ही हुआ है। कर्मचारियों की शंका को दूर करने के बजाय अधिकारियों ने आदेश 77-पीडीडी आफ 2008 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। यूनियन ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि योजना को लागू करते समय जिन नियमों को शामिल किया गया था, उनका पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में संशोधन में कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत कटौती करने के रखे सुझाव से कर्मचारियों पर बोझ बढ़ेगा। एसोसिएशन के प्रधान संजय धर ने कहा कि इस योजना में कितने कर्मियों को शामिल किया है इसका ब्योरा भी आज तक विभाग ने सार्वजनिक नहीं किया है। योजना के तहत कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार को तत्काल दाहसंस्कार के लिए दस हजार, उसके एक महीने के अंदर 2.90 लाख की सहायता प्रदान की जानी होती है। परंतु ऐसा नहीं है। एसोसिएशन के रिकॉर्ड के अनुसार 150 कर्मचारियों की मृत्यु के उपरांत उनके परिजनों को छह साल के भीतर यह राहत राशि जारी की गई। योजना में संयुक्त बीमे का भी प्रावधान था जिसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। जितने फंड्स कर्मचारियों से एकत्र किए जाते हैं, उतनी ही राशि सरकार से भी ली जानी थी। अधिकारियों ने इसके लिए भी कोई कदम नहीं उठाया। धर ने कहा कि विभाग को जल्द फंड्स का लेखाजोखा, ऑडिट जारी करना चाहिए। इसके अलावा यदि वे योजना में कोई संशोधन चाहते हैं तो वे इसके लिए संयुक्त बीमा स्कीम का लाभ लें ताकि कम किश्त भरकर कर्मचारियों को बेहतर लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि वेलफेयर फंड का लेखाजोखा बनाने में एसोसिएशन में शामिल कुशल कर्मचारी पूरा सहयोग देने को तैयार हैं।


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