गांधी के मूल्य मानवाधिकार संरक्षण में मददगार
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बाला
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने महात्मा गांधी को मानवाधिकारों का संरक्षक करार देते हुए कहा कि हमें मानवीय मूल्यों के सिद्धांतों को समझना चाहिए। अगर हम महात्मा गांधी के मूल्यों को अपनाएंगे तो यह मानवाधिकारों का संरक्षण करने में मददगार साबित होगा।
जम्मू विवि में 'सत्याग्रह, आत्मानुशासन और गांधी' विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन समारोह में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में खुद भी रंगभेद का शिकार हुए थे। यह उस समय मानवाधिकारों का उल्लंघन था। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज को मानवाधिकारों का पालन करना चाहिए और किसी भी तरह के मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए काम करना चाहिए। समाज में एक ऐसा वातावरण होना चाहिए, जिसमें हर व्यक्ति सम्मान के साथ रह सके। किसी तरह के मानवाधिकारोंका उल्लंघन न हो।
गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद के वीसी डॉ. सुदर्शन अयंगर ने कहा है कि जब तक हम आत्मानुशासन का पालन नहीं करते तब तक मानवधिकारों के लिए संघर्ष नहीं किया जा सकता। हम मानवाधिकारों की बात तो जोरशोर से करते हैं, लेकिन बतौर नागरिक अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं करते। हमें समानता का अधिकार प्राप्त है। यह मेरा जीवन है, मैं जो चाहे करूं, यह बात पश्चिम से आई है। हमारे देश की संस्कृति ऐसी है कि हमे अपने परिवार के सदस्य नियंत्रित करते हैं। आत्मानुशासन व्यक्तिगत तौर पर होगा तो ही मानवाधिकारों का फायदा है। जम्मू विवि के वीसी प्रो. मोहन पाल सिंह ईशर ने कहा कि मानवाधिकार काफी बड़ा मुद्दा है। यह इंसान के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इससे शिक्षा, रोजगार, अपनी बात कहने की आजादी व अनेक पहलू जुड़े हुए है।
सेमिनार का आयोजन जम्मू विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने किया है। आयोग के संयुक्त निदेशक डॉ. एसके शुक्ला ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मानुशासन के बिना स्वराज नहीं आ सकता। महात्मा गांधी ने सत्याग्रह के मार्ग पर चलते हुए देश को आजादी दिलाई। आयोग में संयुक्त सचिव जेएस कोचर ने कहा कि महात्मा गांधी की जिदंगी देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
इससे पहले लॉ स्कूल के निदेशक प्रो. अरविंद जसरोटिया ने स्वागत भाषण में स्कूल की अकादमिक गतिविधियों की जानकारी दी। लॉ स्कूल की छात्रा अंजु शाह ने गीत प्रस्तुत किया। जम्मू विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. मोहन पाल सिंह ईशर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश बालाकृष्णन को शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मंच का संचालन सीमा रोहमेत्रा ने किया।